उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में रामलीला के मंचन के दौरान 2 कैदियों के जेल से भागने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. कैदियों की पहचान पंकज और राजकुमार के रूप में हुई. दोनों रोशनाबाद स्थित जिला जेल में चल रही रामलीला में वानर सेना के सदस्य बने थे.
रिपोर्ट के अनुसार, हरिद्वार जिला जेल में रामलीला की पुरानी परंपरा है, जिसका प्रबंधन पूरी तरह से कैदियों द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रदर्शन और मंच प्रबंधन भी शामिल है. हालांकि, शुक्रवार को रामलीला के दौरान, पंकज और राजकुमार, जो सीता की खोज कर रहे वानर सेना के सदस्यों में से थे, प्रदर्शन का इस्तेमाल कर जेल से बाहर निकल गए.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, दोनों कैदी हनुमान के नेतृत्व वाली वानर सेना के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सीता की खोज कर रहे थे, जिनका रावण ने अपहरण कर लिया था. वे अभिनय के दौरान मंच से चले गए, जिसे दर्शकों ने मंचन का हिस्सा माना.
कुछ देर बाद जब दोनों सीता की खोज से वापस नहीं लौटे, तो दर्शकों और अधिकारियों को संदेह होने लगा कि कुछ गड़बड़ है. जब तक जेल अधिकारियों ने उनकी तलाश शुरू की, तब तक कैदी अंधेरे का फायदा उठाकर, सीढ़ी लगाकर जेल की 22 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हो चुके थे.
पुलिस के अनुसार, रुड़की निवासी पंकज हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, जबकि उत्तर प्रदेश के गोंडा निवासी राजकुमार पर कथित अपहरण के एक मामले में मुकदमा चल रहा था. इस घटना ने जेल में सुरक्षा चूक को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस ने कहा है कि दोनों व्यक्तियों की तलाश जारी है.
जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने कहा, ‘जेल में निर्माण कार्य चल रहा है, साथ ही कल यहां रामलीला का आयोजन भी हो रहा था, इसी का फायदा उठाकर दोनों कैदी सीढ़ी लगाकर जेल से भाग निकले. निश्चित तौर पर यह जेल प्रशासन की अनदेखी है. एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जांच जारी है. विभागीय जांच और मजिस्ट्रेटी जांच भी कराई जाएगी.’
एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया, ‘आज सुबह कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि जेल से दो कैदी भाग गए हैं, जिनमें से एक सजायाफ्ता और दूसरा विचाराधीन है. जेल प्रशासन पहले इसकी जांच कर रहा था, जब जिला प्रशासन को सूचना मिली तो हमने जगह-जगह तलाशी और तलाशी शुरू कर दी. संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कैदी पंकज पर आईपीसी की धारा 302 के तहत दोष सिद्ध हुआ था और कैदी राम कुमार अपहरण के आरोप में विचाराधीन था.’
-भारत एक्सप्रेस
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