Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड मामले ने जहां पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कम्प मचा रखा है, वहीं लगातार अपराधियों के ठिकाने पर दबिश दे रही पुलिस ने अभियुक्तों तक पहुंचने की नई तरकीब निकाली है. इस सम्बंध में पुलिस ने एक ट्वीट शेयर करते हुए कहा है कि जो भी हत्याकांड में शामिल शूटरों की जानकारी देगा, पुलिस उसे लाखों का इनाम देगी. इस ट्वीट में पुलिस ने बकायदा इनाम की भी घोषणा की है.
बता दें कि बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल को 24 फरवरी 2023 की शाम को करीब सवा चार बजे हमलाकर शूटरों ने सरेराह भून दिया था. हमलावर पूरी प्लानिंग के साथ आए थे. बदमाशों ने 14 राउंड फायरिंग की थी. सात गोलियां उमेश को लगी थी. इस घटना मे उमेश की जान चली गई थी. इसके बाद से पूरे प्रदेश में हड़कम्प मचा हुआ है. इस घटना में माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई व बेटों का नाम शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में ही प्रदेश से माफियाओ अपराधियों को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी.
उसके बाद से हत्याकांड में शामिल शूटरों की धरपकड़ के लिए अभियान जारी है. कईयों के मकानों पर भी बुलडोजर कार्रवाई की जा चुकी है तो कई एनकाउंटर में ढेर भी किए जा चुके हैं. लेकिन अब यूपी पुलिस ने फरार शूटरों तक पहुंचने के लिए एक और आइडिया अपनाया है. इस सम्बंध में ट्वीट करते हुए कहा है कि, “यूपी के डीजीपी द्वारा प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को घटित आपराधिक घटना में वांछित अभियुक्तों को गिरफ़्तार करने या उनकी गिरफ़्तारी के बारे में सूचना देने पर प्रति अभियुक्त 2,50,000/- रुपये पुरस्कार की घोषणा की गयी है. यूपी पुलिस की कई टीम अभियुक्तों की गिरफ़्तारी हेतु निरंतर प्रयासरत हैं.”
इस मामले में जिन अभियुक्तों की पुलिस को तलाश है, उनमें अरमान पुत्र शमीम, असद पुत्र अतीक अहमद, गुलाम पुत्र मकसूदन, गुड्डू मुस्लिम पुत्र शफीक और साबिर पुत्र नसीम शामिल है.
-भारत एक्सप्रेस
अली को नवंबर 2019 में लश्कर के एक ऑपरेटिव शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान…
फरवरी 2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के साथ ही नागरिकता…
मध्य प्रदेश में शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि कोतवाली के…
सूरत जिले में फिलहाल तेंदुओं की संख्या 150 पर पहुंची है. बीते छह महीने में…
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही ‘मंईयां सम्मान योजना’ पर…
मणिपुर को 1980 से ही AFSPA के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा प्राप्त है और…