UP News: गांववासियों को रात में भी बेहतर और तत्काल इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश जारी किया है और गुरुवार से डॉक्टरों को सीएचसी और पीएचसी पर रात में विश्राम करने के लिए आदेश दे दिया है. सीएम के इस आदेश के बाद सीएमओ ने इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए इसे लागू भी कर दिया है. डॉक्टरों की उपस्थिति को लेकर वह खुद ही औचक निरीक्षण करेंगे और जो चिकित्सक अनुपस्थित मिलेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसी के साथ प्रशासन भी डॉक्टरों के रात्रि विश्राम को लेकर रैंडम जांच कराएगा. वहीं सीएम के निर्देश के बाद पूरे प्रदेश भर के जिलों के सीएमओ ने अपने-अपने जिले में ये व्यवस्था लागू करने को लेकर निर्देश जारी कर दिया है.
गोरखपुर सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने मीडिया को जानकारी दी और बताया कि जिले मे 21 सीएचसी व 67 पीएचसी सहित कुल 110 स्वास्थ्य केंद्र हैं और इनमें से जिला अस्पताल व 21 सीएचसी पर इमरजेंसी सेवा है. उन्होंने आगे जानकारी दी कि, चिकित्सकों के कुल 270 पद स्वीकृत हैं, इसके सापेक्ष कुल 181 डॉक्टर ही तैनात हैं और चार साल से करीब 40 डॉक्टर ज्वाइन करने के बाद से ही गायब हैं. इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने चिकित्सकों की कमी को लेकर बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गोला में चिकित्सकों की कमी तो है ही, यहां कोई विशेषज्ञ चिकित्सक भी नियुक्त नहीं है.
उन्होंने चिकित्सकों की कमी को लेकर आगे बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भाटपार में एक चिकित्सा प्रभारी, वार्ड ब्वाय, पैथालॉजी व लैब टेक्नीशियन का पद सृजित हैं. लेकिन यहां केवल एक फार्मासिस्ट ही नियुक्त है. उन्होंने बताया कि बेलघाट में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रापतपुर और पिपरसंडी भी केव फार्मासिस्ट के भरोसे ही चल रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश को लेकर सभी चिकित्सकों को जानकारी दे दी गई है. 16 अगस्त से इस सम्बंध में जांच शुरू कर दी जाएगी. अगर कोई डॉक्टर अपने तैनाती स्थल पर इलाज करता नहीं मिला तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
प्रदेश भर में डेंगू और मलेरिया को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. वहीं गोरखपुर में भी डेंगू के आसन्न खतरों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तेयारी कर ली है और इसी के साथ जिला अस्पताल में 10 बेड और सीएचसी में 5 बेड आरक्षित कर दिया गया है. सीएमओ ने बताया कि अगर आवश्यकता पड़ती है तो 20 बेड जिला अस्पताल में बढ़ाया जा सकता है. हालांकि अभी किसी वार्ड में कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है, लेकिन इसकी गम्भीरता को देखते हुए जिला अस्पताल पूरी तरह से तैयारी कर चुका है. इस सम्बंध में जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि अभी तक डेंगू के आठ मरीज पाए गए थे जो कि इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं और अपने घर में स्वस्थ्य हैं.
बता दें कि गोरखपुर के क्षेत्र को डेंगू के लिहाज से सितंबर-अक्टूबर के महीने को संवेदनशील माना गया है. इसको लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. बता दें कि लखनऊ में लगातार डेंगू, मलेरिया को लेकर अभियान चलाया जा रहा है और यहां के करीब-करीब सभी सीएचसी-पीएचसी पर रात में भी चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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