निषाद पार्टी (Nishad Party) के कोटे से भाजपा (BJP) के चुनाव चिन्ह पर करछना से विधायक चुने गये पीयूष रंजन निषाद (Piyush Ranjan Nishad) पर ब्यूटी पार्लर का ट्रेनिंग कोर्स करने वाली एक युवती ने शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने मामले में अधिकारियों को पत्र भेजकर शिकायत दर्ज कराई है. अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर विधायक को अपनी सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा. उन्होंने युवती के द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
विधायक (MLA) पर आरोप है कि उसने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर युवती का यौन शोषण किया. शिकायती पत्र में पीड़िता ने विधायक पीयूष रंजन पर अपनी जिंदगी से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था. हालांकि, शिकायती पत्र वायरल होने के बाद युवती की ओर से एक शपथ पत्र जारी किया गया है, जिसमें उसने विधायक को अच्छा आदमी बताया है.
49 साल के पीयूष रंजन निषाद (Piyush Ranjan Nishad) ने साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly elections 2022) में करछना विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सिम्बल पर (BJP Party candidate from Karachhana) जीत दर्ज की है. पीयूष रंजन निषाद का पेशा (Profession of Piyush Ranjan Nishad) व्यवसाय है. वहीं, अगर शैक्षणिक योग्यता की बात की जाये तो पीयूष रंजन मात्र 12वीं पास हैं.
2022 के विधानसभा चुनाव में पीयूष रंजन निषाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति की चर्चित शख्सियत पूर्व मंत्री और करछना विधानसभा क्षेत्र से 2 बार के विधायक रहे कुंवर उज्जवल रमण सिंह (Kunwar Ujjwal Raman Singh) के समाजवादी झंडे को हटाकर इस सीट पर पहली बार भाजपा का झंडा फहराया था.
उज्जवल रमन सिंह (Ujjwal Raman Singh) 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly elections 2022) में करछना विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार (SP Party candidate from Karachhana) थे. उज्ज्वल रमण कानून के जानकार और लॉ ग्रेजुएट हैं. कुंवर उज्जवल रमण सिंह बरांव रियासत के राजकुमार एवं उत्तर प्रदेश की तीन-तीन सरकारों में मंत्री, करछना विधानसभा क्षेत्र से 8 बार विधायक, इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र 2004 और 2009 में सांसद तथा राज्यसभा सांसद रहे कुंवर रेवती रमण सिंह (Kunwar Rewati Raman Singh) के पुत्र हैं.
अब सच्चाई चाहे जो कुछ हो, लेकिन भाजपा के सहयोगी दल के विधायक पर युवती का सहयोग करने के आड़ में यौन शोषण करने का आरोप लगना भाजपा के ईमेज को खराब करने के लिए पर्याप्त है, क्योंकि एक ऐसे ही मामले में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सिम्बल पर घोसी लोकसभा (Ghosi Parliamentary) क्षेत्र सांसद अतुल कुमार सिंह (Atul Kumar Singh) 2019 से अबतक जेल में हैं, जबकि वह बलात्कार के आरोप से बरी हो चुके हैं. भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इसी आरोप पर सपा-बसपा गठबंधन को घेरने का काम किया था.
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यूं तो नेताओं पर अनेकों आरोप लगते और खत्म होते रहते हैं, लेकिन आरोप अगर चरित्र से जुड़ा हुआ हो तो मामला बड़ा संगीन एवं गंभीर हो जाता है. इस मामले की गंभीरता तब और ज्यादा बढ़ गई है जब प्रयागराज लोकसभा क्षेत्र की सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) और मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी (Abhilasha Gupta Nandi) भी महिला हैं और आरोप एक युवती से जुड़ा हुआ है.
-भारत एक्सप्रेस
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