UP News: भगवान राम की नगरी अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जनवरी तक भक्तों के लिए मंदिर को खोले जाने की सम्भावना जताई जा रही है तो वहीं प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी जनवरी माह को तय कर लिया गया है. इसके अलावा इसकी सुरक्षा को देखते हुए CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. यानी रामजन्मभूमि की सुरक्षा सीआईएसएफ करेगा.
बता दें कि हाल ही में मंदिर ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तारीखों की सम्भावना भी जता दी है. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कार्यक्रम के लिए न्योता भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि जनवरी में मकर संक्रांति के दौरान मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा और पीएम भी पहुंचेंगे. तो अब बात आई सुरक्षा के लिए. हालांकि वर्तमान में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में मंदिर परिसर है ही, लेकिन इसकी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. खबर सामने आ रही है कि, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले ही यहां सीआईएसएफ को तैनात कर दिया जाएगा.
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मालूम हो कि देश भर के ऐतिहासिक भवनों से लेकर हवाई अड्डों, मेट्रो रेल व अन्य बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ अपनी विशेषज्ञता रखता है. इसी को देखते हुए अब श्रीरामजन्मभूमि की जिम्मेदारी भी सीआईएसएफ को सौंपी जाएगी. उन के सिक्योरिटी आडिट पर ही राममंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन की योजना बनाई गई है. जानकारी सामने आ रही है कि पिछले साल सीआईएसएफ ने रामजन्मभूमि परिसर का सिक्योरिटी आडिट किया था, तभी से इस बात को लेकर तय माना जा रहा था कि भविष्य में राममंदिर की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपी जा सकती है. तो वहीं बुधवार को डीजी सीआईएसएफ शीलवर्धन सिंह व डीआइजी सुमंत सिंह ने रामजन्मभूमि परिसर पहुंच कर निरीक्षण किया. तो वहीं सीआईएसएफ के उच्चाधिकारियों की यहां पर बढ़ती सक्रियता ने इस संभावना पर मुहर लगा दी है. बता दें कि निरीक्षण के दौरान उनके साथ एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया, आइजी रेंज प्रवीण कुमार एवं एसएसपी राजकरन नय्यर भी रहे. मीडिया सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने तीन घंटे तक परिसर का निरीक्षण किया.
जानकारी सामने आ रही है कि, सीआईएसएफ श्रद्धालुओं के आवागमन के मार्ग पर तैनात रहेगी. तो इसी के साथ बैग स्कैनर आदि लगने का प्रबंध कार्य भी देखेगी. इसी के साथ सीआईएसएफ की रणनीति में रामजन्मभूमि परिसर को अधिक से अधिक तकनीकी सुरक्षा कवच प्रदान करना भी तय किया गया है, जिसमें एंटी ड्रोन तकनीक भी शामिल है. रेड जोन के साथ-साथ परिसर से सटे यलो जोन के बाहरी क्षेत्र के लिए भी सिक्योरिटी आडिट की भी योजना बनाई गई है.
बता दें कि वर्तमान में सीआरपीएफ के साथ ही पुलिस और पीएसी श्रीरामजन्म भूमि की सुरक्षा सम्भाल रही है. मालूम हो कि, गर्भगृह की सुरक्षा सीआरपीएफ को सौंपी गई है. एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने मीडिया को जानकारी दी कि, सीआइएसएफ के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने आए थे. उन्होंने कहा कि, देश के हवाई अड्डों के साथ ही ताजमहल, मेट्रो सहित अन्य कई ऐतिहासिक भवनों एवं महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा का अच्छा अनुभव सीआइएसएफ के जवानों के पास है. इसीलिए राममंदिर की सुरक्षा के लिए भी उनको ही बेहतर माना जा रहा है और उनके ही अनुभव का उपयोग किए जाने की योजना है.
-भारत एक्सप्रेस
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