उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण विभाग में हाल ही कुछ तबादले हुए हैं, इन तबादलों में घोर अनियमतता देखने को मिल रही है. एक ओर जहां छह से आठ साल तक एक ही जगह पर जमे अधिकारी वहीं जमे हैं, वहीं दूसरी ओर छह माह में भी कुछ अधिकारियों का तबादला कर दिया गया, जो विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है.
आबादी के मामले में सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण विभाग में कुल 18 उपनिदेशक के सापेक्ष वर्तमान में कुल 16 उपनिदेशक विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं. इनमें से मुख्यालय सहित विभिन्न मण्डल में पांच उपनिदेशक ऐसे हैं, जो छह लेकर से आठ वर्ष तक लगातार एक ही पद पर तैनात या सम्बद्ध हैं जिनपर कृपा आज भी बनी हुई है. उपनिदेशकों की बात करें तो लखनऊ मुख्यालय में एक उपनिदेशक 2015 से तैनात हैं, पहले शिक्षा महकमे के जरिए बच्चों के शिक्षित करने वाले यह उपनिदेशक इन दिनों महिलाओं के कल्याण वाले विभाग में महिलाओं के कल्याण की बातें करते नज़र आते हैं तो वहीं नीता अहरिवाल बरेली मंडल में छह साल से उपनिदेशक पद पर तैनात हैं, अनु सिंह निदेशालय में आठ साल से हैं, आशुतोष निदेशालय में आठ साल से तैनात हैं, वहीं राजेश चंद्र मुरादाबाद में छह साल से तैनात हैं.
अगर बात उपनिदेशक प्रभात रंजन की करें तो उनका जुलाई 2021 मे विन्धयाचल मण्डल मीरजापुर से महाप्रबंधक महिला कल्याण निगम के पद पर स्थानांतरण हुआ, जून 2022 मे पुनः महिला कल्याण निगम से स्थानांतरित करते हुए उपनिदेशक बस्ती मण्डल फिर स्थानांतरण करते हुए सम्बद्ध निदेशालय महिला कल्याण लखनऊ किया गया. अब इस वर्ष 2023 मे पुनः बस्ती मण्डल भेज दिया गया है जबकि वर्ष 2015 -16 मे भी बस्ती मण्डल में उप निदेशक के पद पर तैनात रह चुके हैं. बस्ती मण्डल में आज तक कोई कार्यालय व स्टाफ भी नहीं है. पिछले 30 जून को जारी चार उपनिदेशकों के स्थानांतरण आदेश में दो उपनिदेशक ऐसे हैं, जिन्हें दो साल में दो बार स्थानान्तरित किया गया है.
उपनिदेशक बी के सिंह को चार जनवरी 2022 को वाराणसी मण्डल में तैनात किया गया लेकिन आचार संहिता के कारण बाध्य प्रतिक्षारत रहते हुए 10 माह बाद नवम्बर 2022 में सहारनपुर में तैनाती दी गई, परन्तु अभी 30 जून 2023 को कुल चार उपनिदेशक के स्थानांतरण आदेश में बी के सिंह को भी मात्र आठ माह के बाद ही आजमगढ़ मण्डल से स्थानांतरित कर दिया गया है. यह भी उल्लेखनीय है कि वाराणासी, प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण मण्डल में उप निदेशक के पद आज भी रिक्त हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति 12 जिला परविक्षा अधिकारियों के तबादलों में भी देखने को मिल रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि डल्लेवाल 24 दिनों से हड़ताल…
13 मार्च 2020 को निचली अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार पीड़िता के पिता…
NIPL, जो कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की पूरी तरह से स्वामित्व वाली…
कांग्रेस ने गुरुवार को जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाते हुए…
MahaKumbh 2025: प्रयागराज के महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य जारी है, जिसमें…
चीनी की कीमतें मिलों की उत्पादन लागत 41,000 रुपये प्रति टन से काफी नीचे आ…