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UP News: योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब नील गाय, सांड या आवारा जानवरों ने घायल किया तो इलाज के लिए मिलेंगे 16000 रुपए

UP News: अब अगर यूपी (उत्तर प्रदेश) में नील गाय, सांड या आवारा जानवर टक्कर मार कर आपको घायल कर देते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं. अस्पताल में भर्ती होने पर योगी सरकार आपको आर्थिक मदद देगी. इस मामले में यूपी सरकार ने 60 फ़ीसदी से अधिक विकलांग होने पर ढाई लाख रुपए तक का मुआवजा देने की बात कही है तो वहीं 1 सप्ताह से अधिक अवधि तक अस्पताल में भर्ती होने पर ₹16000 का मुआवजा भी दिया जाएगा. इसी के साथ अगर आप 1 सप्ताह से कम दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं तो आपको ₹5400 रुपए मिलेगा.

अखिलेश यादव ने बजट सत्र में उठाई थी समस्या

बता दें कि उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं, नीलगाय, सांड़ आदि से टक्कर की दुर्घटना अक्सर ही सामने आती रहती हैं. इसी को देखते हुए योगी सरकार ने लोगों के हित में ये बड़ा फैसला लिया है. हालांकि इस सम्बंध में हाल ही में बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने आवाज उठाई थी और इन समस्याओं को लेकर कहा था कि छुट्टा जानवरों को लेकर कई सवाल यूपी सरकार पर दागे थे.

अखिलेश ने कहा था कि 2023 आ गया लेकिन बीजेपी के लिए 2022 ही रहेगा क्योंकि किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, नीलगाय आज भी नुकसान कर रही है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा था कि देश के प्रधानमंत्री जी ने कहा था, सड़क पर खुले घूमने वाले जानवरो को निजात दिला देंगे, मुझे लग रहा है, दिल्ली लखनऊ वालों में तालमेल नहीं बैठ रहा है.

जान गंवाने वाले को मिलेगा चार लाख का मुआवजा

बता दें कि पिछले साल योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में सांड और नीलगाय के हमले में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजन को चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी. इसके साथ ही ऐसी घटनाओं को आपदा की घटनाओं की सूची में शामिल कर लिया गया था. उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग की जारी अधिसूचना के जरिए राज्‍य आपदा की सूची में यह नई प्रविष्टि शामिल की गई थी और इसी के साथ सांड और नीलगाय के हमले के कारण हुई मौतों को राज्य आपदा घोषित कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें- Umesh Pal Murder Case: “यूपी सरकार का दावा हवाहवाई, प्रदेश में हावी हैं गुंडे, सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षित नहीं”, पूर्व सांसद उदित राज ने CM योगी को घेरा

बता दें कि अब तक बेमौसम अत्यधिक बारिश, आकाशीय बिजली गिरने, तूफान, लू, नौका दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर की सफाई के दौरान मौत, गैस के उत्सर्जन, बोरवेल में गिरने, मानव-पशु संघर्ष और कुएं में डूबने से हुई मौतों को इस सूची में शामिल किया जा चुका है. नदी, झील, तालाब, नहर, खाई और झरने को पहले ही राज्य आपदा (राज्य आपदा) के रूप में वर्गीकृत किया जा चुका है.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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