UP Politics: सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं पर की गई टिप्पणी के बाद भाजपा खेमे से उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मोर्चा सम्भालते हुए पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि, “अखिलेश यादव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.” बता दें कि हाल ही में अखिलेश ने यूपी के सरकारी अस्पतालों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को घेरा था और तीखी टिप्पणी की थी.
अखिलेश पर तीखा हमला बोलते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि, “प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी वेंटीलेटर पर है. सपा मुखिया अखिलेश यादव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. इसलिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. उन्हें बाहर निकलकर सच्चाई देखनी चाहिए.” इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि, “अखिलेश यादव की सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को गर्त में पहुंचाने का काम किया था. आज लोगों को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं, जो विपक्षियों को पसंद नहीं आ रही हैं. लोगों को फ्री में इलाज मिल रहा है. अस्पताल में दवाएं मिल रही हैं. चिकित्सक समय पर पहुंच रहे हैं.”
एक दिन पहले ही सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि, “प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चौपट हैं. अस्पतालों की स्थिति बहुत ही दयनीय है. मरीजों के इलाज में घोर लापरवाही की जा रही है. अस्पतालों में न डॉक्टर है और न ही दवाएं है. जांच की समुचित व्यवस्था न होने के कारण गंभीर मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है.” इसी के साथ अखिलेश यादव ने स्वास्थ्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा था कि, ” स्वास्थ्य मंत्री ने पद सम्हालते ही तेजी से छापेमारी शुरू की थी, लेकिन अब वे भी पस्त हो गए हैं क्योंकि विभागीय बजट कम होने से अधिकारी भी अब उनकी नहीं सुनते हैं. खुद प्रधानमंत्री जी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में ही स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं तो इस सरकार से प्रदेश की जनता क्या उम्मीद करें? सरकारी अस्पताल खुद बीमार हो चले हैं. दलालों के जाल में मरीज लुट रहे हैं.”
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने रायबरेली से लेकर कन्नौज के सरकार अस्पतालों की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा था कि, “इत्र नगरी कन्नौज में 10 हजार मरीजों पर एक डॉक्टर है. एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात नहीं है. 11 सीएचसी में आंखों के डॉक्टर नहीं है. जिला अस्पताल में केवल एक महिला रोग विशेषज्ञ है जो सर्जरी के साथ ओपीड़ी भी सम्हालती है. गर्भवती महिलाओं का दर्द स्थानीय प्रशासकों को नहीं महसूस होता है.”
-भारत एक्सप्रेस
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