Lok Sabha Election-2024: लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर हर राजनीतिक दल ने कमर कस ली है. तो वहीं कई महीनों से रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में लगी भाजपा की ओर से सोमवार को राम मंदिर के उद्घाटन का ऐतिहासिक काम कर दिया गया है. इसको लेकर चारो ओर रामलला की ही जयकार हो रही है. तो दूसरी ओर ये भी माना जा रहा है कि भाजपा ने इसी के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल भी फूंक दिया है और देश भर के विपक्षी दलों को इतनी कड़ी चुनौती दे दी है कि, उसकी काट भी वो नहीं ढूंढ पाएंगे. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि, पीएम रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कर जो संदेश दिया है, उससे माना जा रहा है कि भाजपा ने अयोध्या में ही दक्षिण की चाबी भी खोज ली है और अब भाजपा के लिए दक्षिण के भी द्वार खुलते नजर आ रहे हैं.
भले ही इन सबको लेकर भाजपा की ओर से बार-बार ये बयान दिया जा रहा है कि राम मंदिर को राजनीति से जोड़कर न देखें लेकिन जानकार मानते हैं कि, प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब भाजपा की तैयारी है कि पूरे देश के रामभक्तों को अयोध्या लाकर दर्शन कराया जाए. तो दूसरी ओर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि, अयोध्या में बने अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डा नाम देना हो या फिर राम मंदिर परिसर में भगवान गणेश, हनुमान और जटायु की मूर्ति के साथ ऋषि अगस्त्य, वशिष्ठ, वाल्मीकि, विश्वामित्र, निषादराज, शबरी, अहिल्या के भी मंदिर बनवाने की प्लानिंग हो इसके ज़रिए भाजपा ने हर समाज व वर्ग के लोगों के साथ उत्तर से दक्षिण को साधने की कोशिश की गई है. इसी के जरिए विपक्ष की जातिवाद की राजनीति में भी भाजपा ने बड़ी सेंध लगाने की कोशिश की है.
तो वहीं राजनीतिक जानकार ये भी कहते हैं कि, प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से हनुमान, केवट, भगवान श्री गणेश, जटायु और शबरी के नाम पर डाक टिकट जारी किया है, उससे भी राम नाम के जरिए पूरे देश की हर जाति को साधने की कोशिश की गई है. जानकार कहते हैं कि, जिस तैयारी के साथ भाजपा पूरे भारत को जोड़ने की कोशिश करते हुए आगे बढ़ रही है, उसको देखकर भाजपा इस बार भी बड़ी जीत का लक्ष्य साध लेगी.
प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या से लेकर पूरे देश का माहौल राममय हो गया है. तो वहीं राजनीति जानकार कहते हैं कि, प्राण-प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ग्यारह दिन पहले से 11 दिन तक अध्यात्मिक यात्रा में लगे रहे. उन्होंने दक्षिण भारत के विभिन्न मंदिरों में पूजा-पाठ और अनुष्ठान किए, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. इसी बीच पीएम की दक्षिण यात्रा भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही. तो वहीं राजनीति में माना जा रहा है कि, इसके माध्यम से भी उन्होने दक्षिण भारत को साधने की कोशिश की है. तो वहीं अयोध्या से भेजे गए अक्षत को बेहद श्रद्धा भाव के साथ दक्षिण में स्वीकार किए गए हैं. इससे साफ होता है कि भाजपा ने अयोध्या में बैठकर पूरे देश को साध लिया है और उसके लिए अब 2024 का चुनाव बहुत कठिन नहीं रह गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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