पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. डॉ. सिंह को भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए जाना जाता है, खासकर पीवी नरसिम्हा राव के शासनकाल में भारत के आर्थिक सुधारों के प्रमुख निर्माता के रूप में. वह लगभग 33 वर्षों तक राज्यसभा के सदस्य रहे, और उनके बारे में यह विशेष बात रही कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाने के बावजूद एक बार भी लोकसभा से नहीं चुने गए थे.
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1999 में दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से अपनी पहली लोकसभा चुनावी चुनौती दी थी. इस चुनाव में उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार मल्होत्रा से था, लेकिन वह इस चुनाव में जीतने में सफल नहीं हो पाए. उन्हें 2,31,231 वोट मिले थे, जबकि विजय कुमार मल्होत्रा ने 2,61,230 वोट प्राप्त किए थे. इस चुनाव में मनमोहन सिंह को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
साल 1999 के चुनाव में कुल 12 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें आठ निर्दलीय उम्मीदवार भी थे. इस चुनाव में मनमोहन सिंह को 19.04% वोट मिले थे, जबकि विजय कुमार मल्होत्रा को 21.51% वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद शरीफ थे, जिन्होंने 0.23% वोट हासिल किए थे.
पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
बीजेपी | विजय कुमार मल्होत्रा | 261230 |
कांग्रेस | डॉ. मनमोहन सिंह | 231231 |
निर्दलीय | मोहम्मद शरीफ | 2846 |
भारत दल | नरेंद्र नाथ शुक्ला | 1021 |
निर्दलीय | वेद प्रकाश | 886 |
निर्दलीय | दिनेश जैन | 616 |
निर्दलीय | घनश्याम दास | 480 |
निर्दलीय | प्रेमा | 424 |
निर्दलीय | जैनिस दरबारी | 341 |
निर्दलीय | जोगिंदर सिंह | 322 |
निर्दलीय | अशोक कुमार | 284 |
निर्दलीय | खैराती लाल | 256 |
मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शुरू हुआ था. इसके बाद, उन्होंने वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार और सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. उनके वित्त मंत्री बनने के बाद भारत ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनका प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक पड़ा. 2004 में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद सोनिया गांधी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
मनमोहन सिंह ने 2009 में फिर से प्रधानमंत्री के रूप में चुनाव जीते, हालांकि उनके शासन में मुद्रास्फीति और भ्रष्टाचार के मामलों ने उनके प्रशासन को चुनौती दी. उनके निधन पर दुनियाभर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल शामिल हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीवन और उनके योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
भारतीय वेटलिफ्टिंग के भविष्य के लिए यह प्रदर्शन बेहद उत्साहजनक है, और अब इन खिलाड़ियों…
महाकुंभ मेला में आस्था की शक्ति दिखाने वाली एक विशेष कहानी सामने आई है. आह्वान…
सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने के आदेश का…
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने बीते 26 दिसंबर को आप की ‘महिला सम्मान…
भारत के आर्थिक सुधारों के सूत्रधार मनमोहन सिंह का बीते 26 दिसंबर को 92 वर्ष…
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के विशाल आयोजन में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के…