Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे जिन 41 मजदूरों को 17 दिन बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए बाहर निकाला गया है, उन मजदूरों के परिवार की आर्थिक स्थिति कितनी मजबूत है और कैसे उनका गुजारा होता है. इसको लेकर एक बहुत ही भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है. सुरंग में फंसे एक मजदूर के पिता का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उन्होंने घर के गहनों को 9 हजार रुपये में गिरवी रखकर उत्तरकाशी अपने बेटे से मिलने के लिए पहुंचे. जिसमें से उनके पास अब सिर्फ 290 रुपये बचे हैं.
एक पिता का अपने बेटे के लिए अट्टू प्रेम, जिसे गरीबी भी नहीं तोड़ पाई. आंखों में आंसू लेकर पहुंचे इस पिता की आंखों में उस वक्त खुशी की चमक दिखाई दी, जब नको जानकारी मिली कि उनका बेटा सुरंग से बाहर आ गया है. बेटे को सुरंग से बाहर आने की खबर मिलते ही वो सारे दुखों को भूल गए. उनके चेहरे पर बेटे से मिलने की खुशी साफ दिखाई दे रही थी.
यूपी के लखीमपुर जिले से आए श्रमिक मनजीत के पिता चौधरी ने बताया कि उनका एक बेटा कुछ साल पहले मुंबई में सड़क हादसे का शिकार हो गया था. जिससे उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद उनकी बहू गहने वापस देकर अपने मायके चली गई थी. जब उनको पता चला कि उनका बेटा मनजीत भी सुरंग में फंस गया है तो उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. पूराी परिवार सदमें आ गया. उन्हें इसकी जानकारी मिलते ही बेटे के पास जाने का प्लान बना लिया, लेकिन आर्थिक तंगी बेटे से मिलने में आड़े आ रही थी. जिसके बाद उन्होंने घर में रखे वही गहने गिरवी रख दिए, जिसे उनकी बहू ने वापस कर दिए थे. गहने के बदले उन्हें 9 हजार रुपये मिले थे. उसी से उत्तरकाशी पहुंचे. इतने दिनों से उसी रुपयों से खर्च चल रहा था.
चौधरी ने कहा कि रोज इंतजार रहता था कि आज उनका बेटा सुरंग से बाहर आ जाएगा और उसे लेकर घर चले जाएंगे. अब बेटा बाहर आ गया है तो उन्हें किसी बात की चिंता नहीं है. अब 290 रुपये उनके पास बचे थे, लेकिन बेटे के सुरक्षित बाहर आने से उन्हें इसका भी गम नहीं था. चौधरी ने आगे कहा कि अब उनका बेटा जब अस्पताल से निकलेगा तो उसे लेकर सबसे पहले ऋषिकेश जाएंगे, जहां गंगा जी में स्नान करने के बाद घर जाएंगे.
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गौरतलब है कि 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा धंस जाने से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. उन्हें निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. जिसमें 28 नवंबर को सफलता मिली और सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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