Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इस रेस्क्यू में देश-दुनिया के तमाम टनल एक्सपर्ट्स की मदद ली गई. जिसमें सबसे पहला नाम अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का है. इनके ही नेतृत्व में इस रेस्क्यू ऑपरेशन को चलाया गया और आगाज से लेकर अंजाम तक पहुंचाया गया. 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए अर्नोल्ड डिक्स ने दिन-रात काम किया. टीम को बेहतर तरीके से लीड किया और टनल के अंदर फंसे श्रमिकों को मौत के मुंह से निकालकर ले आए. हाल ही में अर्नोल्ड डिक्स ने टनल के बगल में स्थापित किए गए बाबा बौखनाग मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. अब आइये जानते हैं कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स, जिन्होंने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में मुख्य किरदार निभाया और अब उनकी चर्चा पूरे देश में हो रही है.
अर्नोल्ड डिक्स जेनेवा स्थित इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख हैं.अर्नोल्ड डिक्स को मुख्य रूप से इसी काम के लिए अपनी पहचान रखते हैं. अर्नोल्ड डिक्स के पास भू-विज्ञान, इंजीनियरिंग और वकालत भी हैं. अर्नोल्ड डिक्स ने मोनाश विश्वविद्यालय, मेलबर्न से विज्ञान और कानून की डिग्री ले रखी है. डिक्स के पास तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है. जिसमें उन्होंने कई भूमिकाएं निभाई हैं.
मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद मीडिया को संबोधित किया. जिसमें ऑस्ट्रेलियाई टनल एक्सपर्ट जिक्स ने कहा कि पहाड़ ने हमें एक बात बताई है, वह है विनम्र होना. उन्होंने कहा, मुझे अच्छा लग रहा है. मैंने यह पहले कभी नहीं कहा था.
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अर्नोल्ड डिक्स के के लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्होंने साल 2016 से लेकर 2019 तक कतर रेड क्रिसेंट सोसायटी में एक स्वयंसेवक के तौर पर भी काम किया है. उनकी वेबसाइट के अनुसार, अर्नोल्ड डिक्स 2020 में अंडरग्राउंड वर्क्स चैंबर्स बनाने के लिए लॉर्ड रॉबर्ट मेयर पीटर विकरी क्यूसी में शामिल हुए थे.
बता दें कि 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का करीब 70 मीटर हिस्सा धंस गया था. जिसके बाद मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था. 20 नवंबर को अर्नोल्ड डिक्स इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुए थे. उसके बाद से लगातार रेस्क्यू टीम उनके नेतृत्व में दिन-रात काम करते हुए 28 नवंबर को सफलता के मुकाम पर पहुंची और सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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