1984 Anti-Sikh Riots: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार (22 नवंबर) को 1984 के सिख विरोधी दंगों के 47 पीड़ितों को नियुक्ति-पत्र (Job Letter) वितरित किए. जॉब लेटर पाने वाले में खुशी की लहर है.
दिल्ली के LG VK Saxena के हाथों नियुक्ति-पत्र पाने वाले 1984 दिल्ली दंगा पीड़ितों ने मोदी (Modi Govt) सरकार की तारीफ करते हुए शुक्रवार (23 नवंबर) को कहा कि अब उन्हें अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित नजर आ रहा है.
नौकरी पाने वाले दीपक सेठी ने कहा कि इससे बहुत राहत मिली है. उन्होंने कहा, ‘हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित नजर आ रहा है. पिछली सरकारों ने हमारा काम रोका था. हम 2006 से नौकरी की मांग कर रहे थे. कल 50 लोगों को नियुक्ति पत्र मिला है.’ नियुक्ति-पत्र पाने वाले हरविंदर सिंह ने कहा कि 2006 में ही फाइल दी गई थी, अब जाकर काम हुआ है. उन्होंने कहा, ‘बहुत राहत है. अब बच्चों का भविष्य अच्छा है.’
एक बयान के अनुसार, सेवा की आयु पार कर चुके लाभार्थियों के उत्तराधिकारियों को 6 अतिरिक्त-पत्र जारी किए जाएंगे. पश्चिमी दिल्ली के तिलक विहार (Tilak Vihar) इलाके में एक कार्यक्रम में बोलते हुए सक्सेना ने घोषणा की कि नियुक्तियों के लिए लंबित 437 आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है.
इस इलाके में मुख्य रूप से 1984 के दंगा पीड़ित रहते हैं. उन्होंने राजस्व विभाग को उनके समाधान में तेजी लाने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का भी निर्देश दिया. सक्सेना ने घोषणा की कि कॉलोनी, जिसे आमतौर पर ‘विधवाओं की कॉलोनी’ (Widows’ Colony) के रूप में जाना जाता है, का नाम निवासियों की सिफारिशों के आधार पर बदला जाएगा.
उन्होंने पीड़ितों के परिजनों के लिए भर्ती योग्यता में छूट की मांग करने वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, उन्होंने कहा कि 1984 के दंगे भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा थे. पिछले महीने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उपराज्यपाल से सभी पात्र आवेदकों पर विचार करने का आग्रह किया था, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो वृद्ध हो चुके हैं या जिनका निधन हो चुका है.
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दंगा पीड़ितों को जॉब लेटर देने को लेकर पश्चिमी दिल्ली सीट से भाजपा की लोकसभा सांसद कमलजीत सहरावत ने शुक्रवार को कहा, ‘यह एक बहुत भावुक क्षण था, क्योंकि बरसों से लंबित काम को एलजी ने पूरा किया. 47 लोगों को नियुक्ति पत्र देने के साथ ही, 437 अन्य व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है, और अगले 15-20 दिनों में उन्हें भी नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा एलजी ने यह घोषणा भी की कि अगर कॉलोनी के लोग इस कॉलोनी का नाम बदलना चाहें, तो वे कोई नया नाम सुझा सकते हैं और उस नए नाम को वह स्वीकार करेंगे. यह पल 1984 के दंगा पीड़ित परिवारों के लिए सबसे बड़ा न्यायपूर्ण क्षण था, जब उन्हें उनका हक मिला. मैं माननीय उपराज्यपाल का इस फैसले के लिए आभार व्यक्त करती हूं.
दंगा पीड़ितों के लिए नौकरी की लड़ाई में अहम योगदान देने वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के उपाध्यक्ष आत्मा सिंह लुभाना ने कहा कि करीब 500-600 और लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है, जिनकी फाइल अभी पेंडिंग है. उपराज्यपाल ने अगले सप्ताह यहीं पर शिविर लगाकर उनकी फाइल वेरीफाई करने का आदेश डिविजनल कमिश्नर और मुख्य सचिव को दिया है. जो लोग रह गए हैं उन्हें भी बहुत जल्द नौकरी मिल जाएगी.
उन्होंने कहा कि साल 2006 में तत्कालीन सरकार ने नौकरी के लिए 72 लोगों के नाम शॉर्टलिस्ट किए थे, ‘लेकिन चालाकी से’ किसी को भी नौकरी नहीं दी. किसी को अनपढ़ होने के नाम पर तो किसी को अधिक उम्र के नाम पर छांट दिया गया. उपराज्यपाल ने सारी शर्तें हटा दी हैं.
मोदी सरकार बनने के बाद आए बदलाव के बारे में उन्होंने कहा कि 1984 दंगे के आरोपी सज्जन कुमार को जेल भेजा गया और जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो चुका है. उन्होंने दंगा पीड़ितों को नौकरी देने के लिए केंद्र सरकार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और अन्य को धन्यवाद दिया.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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