यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में 7वां रैंक हासिल कर वसीम अहमद भट्ट ने न केवल अनंननाग का नाम रोशन किया है बल्कि क्षेत्र के युवाओं के लिए वह मिसाल भी बने हैं. अनंतनाग के छोटे से गांव बारगाम के रहने वाले वसीम अहमद भट्ट का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है. सफलता के इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया है.
24 वर्षीय वसीम अहमद भट्ट ने अपनी इस सफलता का श्रेय परिवार के सदस्यों और साथ ही हर उस शख्स को दिया जिन्होंने उनका हर कदम पर साथ दिया.
उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी श्रीनगर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. 2020 की असफल कोशिश के बाद 2021 में वसीम अहमद ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 225वां रैंक हासिल किया था. वसीम के पिता जम्मू-कश्मीर कृषि विभाग में काम करते हैं, जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं.
वसीम बताते हैं,”जब मैं छोटा था तभी मेरे घर में सभी लोग कहते थे कि मैं एक दिन बड़ा होकर डीएम बनूंगा. जब मैं एनआईटी श्रीनगर में था तब मुझे यूपीएससी के बारे में पता चला और फिर मैंने तैयारी शुरू कर दी.” कश्मीर को लेकर उनके नजरिए के बारे में पूछने पर वसीम ने कहा कि वे यहां के लोगों की सेवा करना चाहते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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