Rajasthan Paper Leak: राजस्थान में सेकंड ग्रेड टीचर पेपर लीक का मामला अब पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच खींचतान की नई वजह बनता जा रहा है. इसी मामले को उठाते हुए सचिन पायलट ने सोमवार को नागौर में किसान सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान सीएम अशोक गहलोत की सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि पेपर लीक के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया जाना चाहिए न कि छोटे दलालों को.
वहीं अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का बयान आया है. पेपर लीक मामले पर बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि अगर पेपर लीक हुए हैं तो राजस्थान ही पहला राज्य है जिसने इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार 3 लाख से ज्यादा नौकरियां दे रही है लेकिन विपक्ष नहीं चाहता कि सरकार को श्रेय मिले. इन्हें देखना चाहिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में क्या हो रहा है.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जानबूझकर अधिकारियों और नेताओं के नाम उनके द्वारा (विपक्ष) लिए जा रहे हैं, इसमें कोई अधिकारी या नेता शामिल नहीं है. हमने परीक्षा के पेपर लीक करने वाले गिरोह का पता लगाया. अशोक गहलोत ने कहा कि हमने पेपर लीक मामले में अपराधियों और मास्टरमाइंड पर कार्रवाई की है. नेता नाम बताएं (पेपर लीक मामले में), हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे और उन्हें बख्शेंगे नहीं. दरअसल, पेपर लीक पर विपक्ष ही नहीं खुद कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी सवाल उठा रहे हैं, जिसके कारण गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
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राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी सरगर्मियां भी तेज हैं. राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी इन दिनों ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. सोमवार को नागौर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने उनके साथ किए गए अपने संघर्षों को याद किया. पायलट ने कहा, “2013 के चुनाव में कांग्रेस के 21 विधायक रह गए थे, बीजेपी ने 163 सीटें जीती थीं. पांच साल से मेरी कोशिश थी कि हर कार्यकर्ता तक पहुंच सकूं. पांच साल में पदयात्रा, घेराव किया. हमने धरना दिया, लाठियां खाईं.”
सचिन पायलट के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. दूसरी तरफ, किसान सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान पेपर लीक को लेकर उनके एक बयान ने दूसरे खेमे में हलचल बढ़ा दी है. पहले भी दोनों गुटों के बीच बयानबाजी होती रही है और दोनों खेमों के बीच तनातनी के कारण सरकार पर भी संकट गहराया है, जिसके बाद आलाकमान को दखल देना पड़ा है.
-भारत एक्सप्रेस
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