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एक नहीं 12 दिनों तक मनाया जाता है Christmas Day, जानिए हर दिन का धार्मिक महत्व और उनसे जुड़ी परंपराएं

Christmas 2024: क्रिसमस का त्योहार आने में बस कुछ ही दिन बचे है और इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. यह पर्व दुनियाभर में हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. यह दिन ईसाई धर्म के लिए बेहद खास होता है. क्रिसमस डे का त्योहार यीशु मसीह के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है. हालांकि बाइबल में यीशु के जन्म की तारीख का कोई विशेष उल्लेख नहीं है, लेकिन चौथी शताब्दी में रोम के सम्राट कॉन्सटेंटाइन ने 25 दिसंबर को यीशु के जन्मदिन के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दी है.

आपको बता दें भारत में भी अब अन्य धर्मों के लोग भी इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं. गिरजाघरों में इस दिन खास रौनक देखने को मिलती है. एक और खास बात यह है कि क्रिसमस का यह पर्व सिर्फ एक-दो दिन तक नहीं, बल्कि पूरे 12 दिनों तक मनाया जाता है. आइए, जानते हैं कि इन 12 दिनों में किस तरह से जश्न मनाया जाता है:

यहां जानें क्रिसमस के 12 दिनों का महत्व

  • पहला दिन (25 दिसंबर): यह दिन क्रिसमस का पहला दिन होता है, जब यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो जाता है.
  • दूसरा दिन (26 दिसंबर): इसे बॉक्सिंग डे और सेंट स्टीफन डे के रूप में मनाया जाता है. सेंट स्टीफन ईसाई धर्म के पहले शहीद थे, जिन्होंने अपनी जान धर्म के लिए दी.
  • तीसरा दिन (27 दिसंबर): यह दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है, जो यीशु मसीह के प्रेरित और करीबी मित्र थे.
  • चौथा दिन (28 दिसंबर): इस दिन को मासूम बच्चों की हत्या की याद में मनाया जाता है, जो किंग हीरोद द्वारा यीशु मसीह को ढूंढने के प्रयास में मारे गए थे.
  • पांचवां दिन (29 दिसंबर): यह दिन सेंट थॉमस को समर्पित है, जो एक प्रसिद्ध प्रेरित थे और जिनकी हत्या 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने के कारण हुई थी.
  • छठा दिन (30 दिसंबर): इस दिन को सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर की याद में मनाया जाता है, जिनका योगदान चर्च में महत्वपूर्ण था.
  • सातवां दिन (31 दिसंबर): इसे सिलवेस्टर डेज के नाम से भी जाना जाता है, जिसे पोप सिलवेस्टर ने मनाया था. यह दिन यूरोप के कई देशों में न्यू ईयर ईव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें खेल और उत्सव होते हैं.
  • आठवां दिन (1 जनवरी): यह दिन मदर मैरी, यीशु मसीह की मां, को समर्पित होता है.
  • नवां दिन (2 जनवरी): इस दिन सेंट बसिल द ग्रेट और सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन को याद किया जाता है, जो चौथी सदी के प्रसिद्ध संत थे.
  • दसवां दिन (3 जनवरी): इस दिन को यीशु मसीह का नामकरण दिवस माना जाता है, और चर्च में सजावट की जाती है तथा गीत गाए जाते हैं.
  • ग्यारहवां दिन (4 जनवरी): इस दिन सेंट एलिजाबेथ को याद किया जाता है, जो 18वीं और 19वीं सदी की प्रमुख संत थीं और अमेरिका की पहली संत मानी जाती हैं.
  • बारहवां दिन (5 जनवरी): क्रिसमस पर्व का अंतिम दिन, जिसे एपीफेनी कहा जाता है. इस दिन को सेंट जॉन न्यूमन, जो अमेरिका के पहले बिशप थे, को समर्पित किया जाता है.

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-भरता एक्सप्रेस

निहारिका गुप्ता

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