टाटा ग्रुप भारत का दिग्गज उद्योग घराना है. इस ब्रांड पर वर्षों से भारत के लोगों का अटूट विश्वास है. नमक से लेकर ट्रक बनाने वाले टाटा ग्रुप का इतिहास करीब 150 साल पुराना है. महज 21 हजार से शुरू हुआ टाटा समूह का कारोबार आज लाखों करोड़ तक पहुंच गया है. लेकिन सफलता का यह सफर इतना आसान नहीं था. इसे फर्श से अर्श तक पहुंचाने में जेआरडी टाटा और रतन टाटा का अहम योगदान है. वहीं टाटा समूह का अगला उत्तराधिकारी कौन होगा? इसको लेकर लोगों में चर्चा शुरू हो गई है. जिसमें माया टाटा का नाम सबसे आगे है.
बता दें कि माया, टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की सौतेली भतीजी हैं. माया नोएल टाटा और अलू मिस्त्री की बेटी हैं, अलू मिस्त्री उद्योगपति पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी और टाटा के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की बहन हैं.
माया टाटा ने जो बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा कैपिटल की सहायक कंपनी, टाटा ऑपर्च्युनिटीज फंड से की थी. जहां उन्होंने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और निवेशक संबंधों के क्षेत्र में गहरी विशेषज्ञता हासिल की.
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माया टाटा अभीफिलहाल टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के छह बोर्ड सदस्यों में शामिल हैं, जो कोलकाता में स्थित एक प्रमुख कैंसर अस्पताल का संचालन करता है. इस अस्पताल का उद्घाटन रतन टाटा ने 2011 में किया था. उनकी सक्रियता और योगदान इस बात की ओर इशारा करते हैं कि वे भविष्य में टाटा समूह की अगुवाई कर सकती हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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