देश

सरकारी कर्मचारियों को NPS छोड़कर क्यों अपनाना चाहिए UPS? यहां जानें हर सवाल का जवाब

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते हफ्ते यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम से एक नई पेंशन स्कीम शुरू की. यह पेंशन स्कीम 2004 में लागू की गई नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) का अपडेटेड वर्जन है.

2004 में तत्कालीन भाजपा की अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम को लागू किया था. इसके बाद देश के तमाम सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों ने इस पेंशन स्कीम का विरोध करना शुरू कर दिया. एनपीएस के विरोध की मुख्य वजह इस स्कीम का शेयर मार्केट के अधीन होना था.

नेशनल पेंशन स्कीम पर कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए इसी साल अप्रैल महीने में पूर्व वित्त सचिव डॉ. सोमनाथ के नेतृत्व में एनपीएस से जुड़ी कर्मचारियों की समस्याओं पर मंथन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने करीब- करीब सभी राज्यों और मजदूर संगठनों के साथ बात की. इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही कमेटी ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम की सिफारिश की, जिसे सरकार ने बीते शनिवार को मंजूरी दे दी.

क्यों अपनाएं NPS की जगह UPS?

यह पेंशन स्कीम पुरानी पेंशन स्कीम एनपीएस से कैसे अलग है? यदि अलग है तो कितना अलग है? और कर्मचारियों को इस पेंशन स्कीम को क्यों अपनाना चाहिए? यह सवाल इस समय अमूमन हर कर्मचारी जानना चाह रहा है.

ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन (एईआरएफ) में ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन (एनआरएमयू) के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा मजाकिया अंदाज में कहते हैं कि एनपीएस तो ‘नो पेंशन स्कीम’ थी. एनपीएस एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम थी, जिसमें कर्मचारियों का पैसा मार्केट में लगा दिया जाता था. इसके बारे में किसी भी व्यक्ति को कोई ज्यादा जानकारी नहीं थी. यह स्कीम मार्केट के उतार और चढ़ाव पर निर्भर करती थी. इस स्कीम के तहत लोगों को ₹800, ₹1000, ₹1500 और ₹2000 रुपए मात्र ही पेंशन के तौर पर मिलते हैं.

वह आगे कहते हैं, “एनपीएस स्कीम कर्मचारी को बिल्कुल पसंद नहीं थी, इसी वजह से कर्मचारियों के इतने आंदोलन हुए. एनपीएस यूपीएस से एकदम अलग स्कीम थी. एनपीएस में किसी भी कर्मचारी को निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं थी. इसलिए किसी भी लिहाज से यूपीएस और एनपीएस का कोई मुकाबला ही नहीं है.”

NPS से क्यों अलग है UPS?

ओल्ड पेंशन स्कीम से यूनिफाइड पेंशन स्कीम कैसे अलग है, इस पर शिव गोपाल मिश्रा कहते हैं कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों का कोई कंट्रीब्यूशन नहीं होता था, वह उनकी सेवा अवधि पर आधारित होती थी.

इसके अलावा फैमिली पेंशन के मामले में शिव गोपाल मिश्रा ओल्ड पेंशन स्कीम से भी बेहतर यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मानते हैं. वह कहते हैं, “2004 तक अपने अस्तित्व में रही ओल्ड पेंशन स्कीम में फैमिली पेंशन व्यक्ति की टोटल पेंशन का 40 प्रतिशत ही देय होती थी, लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम में इसे बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है. यह सरकार का बहुत अच्छा कदम है. इससे कर्मचारी और उनके परिवार को बहुत फायदा होगा.”

यह पेंशन स्कीम इतनी अच्छी है कि कर्मचारियों को एनपीएस को हटा कर यूपीएस पर अपडेट कर लेना चाहिए? इस सवाल पर वह कहते है कि लगभग सभी कर्मचारी यह इस पेंशन स्कीम को एनपीएस पर तवज्जो देंगे और इस पर शिफ्ट हो जाएंगे. कर्मचारियों को एनपीएस से बहुत नुकसान होगा, क्योंकि महंगाई बढ़ने के साथ एनपीएस पेंशन में कोई भी बढ़ोतरी नहीं होगी, जिससे कर्मचारियों को बहुत नुकसान होगा.”

वह आगे कहते हैं, “पेंशन राशि के ऊपर महंगाई भत्ता बहुत जरूरी है. क्योंकि अगर यह नहीं होगा तो बाजार का भाव तो बढ़ेगा, लेकिन पेंशन नहीं बढ़ेगी, जिससे न्यूट्रॅलिटी खत्म होगी. जिसके बाद आगे चलकर कर्मचारी भुखमरी की कगार पर आ जाएंगे. इसी को देखते हुए जो यह 100 प्रतिशत बहुत ही अच्छा फैसला है.”

हालांकि क्या सरकार के यूपीएस में अपने अंशदान को बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत करने और तमाम पेंशन धारकों की बात कर देश के कई राज्यों में जोरों से चल रही ओल्ड पेंशन स्कीम के बहाली के मुद्दे को शांत कर पाएगी? क्योंकि कई विपक्षी पार्टियां हर चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम को वहां बहाल करने का वादा करती है. इस सवाल पर वह कहते हैं, “केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकारी भी यूनीफाइड पेंशन स्कीम लागू करने के लिए बाध्य होंगी. राज्य सरकार भले ही ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की बात कही हो, लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने इसे लागू नहीं किया है. यूपीएस लागू करना बहुत अच्छी बात होगी, क्योंकि यह एक बहुत अच्छी स्कीम है इससे कर्मचारियों को बहुत फायदा मिलेगा.

UPS लागू करना जरूरी नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी राज्य के लिए यूपीएस लागू करना बाध्यकारी नहीं होगा.

हालांकि इस विषय पर शिवगोपाल मिश्रा कहते हैं, “सोमवार को ही कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने इस पेंशन स्कीम का स्वागत किया है. और केंद्र सरकार के इस फैसले से बहुत हद तक राज्यों में कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग खत्म हो जाएगी या बहुत हद तक कम हो जाएगी.”

यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जहां एक तरफ एनपीएस के तहत कर्मचारियों के दो अकाउंट होते थे — टियर 1 और टियर 2. इसे कोई भी खोल सकता था और इसमें निवेश कर सकता था, वहीं यूपीएस एक निश्चित पेंशन स्कीम है. साथ ही इसमें लोगों को फैमिली पेंशन और मिनिमम पेंशन की गारंटी भी मिलेगी जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं होता था.

ओल्ड पेंशन स्कीम, ओपीएस बंद करने के बाद 2004 में लागू एनपीएस में कर्मचारियों को यह सुविधा दी गई थी कि सरकार द्वारा वह अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत (बेसिक+ डीए) हिस्सा इन्वेस्ट कर सकता था, इस स्कीम के तहत इतनी ही हिस्सेदारी (10 प्रतिशत) सरकार की होती थी. यह पैसा शेयर बाजार में इन्वेस्ट कर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के समय उन्हें 60 फीसदी एकमुश्त राशि के रूप में व शेष बची 40 फीसदी राशि पेंशन के रूप में देने का प्रावधान किया गया था. यह राशि ग्रेच्युटी के रूप में मिलने वाली राशि से अलग थी.

हालांकि इस पेंशन स्कीम में इस बात की सिक्योरिटी नहीं थी कि किसी भी कर्मचारी की अगर एक फिक्स्ड अमाउंट में सैलरी है, तो उसे रिटायरमेंट पर कितना पैसा और कितनी पेंशन मिलेगी? इसी वजह से इस स्कीम का विरोध होता रहा है. हालांकि 2014 में केंद्र सरकार ने अपने अंशदान को बढ़ाकर 10 फीसदी से 14 फीसदी कर दिया था.

UPS में निश्चित पेंशन गारंटी

एनपीएस से अलग यूपीएस में केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन गारंटी है. यह पेंशन उनकी सेवा अवधि के आखिरी 12 महीने की एवरेज सैलरी का 50 फीसदी होगी. हालांकि यह लाभ पाने के लिए कर्मचारियों को 25 साल की सेवा अवधि पूरी करना अनिवार्य है. 25 साल की अवधि पूरी न करने वाले कर्मचारियों को दूसरे नियमों के आधार पर पेंशन दी जाएगी. उनके लिए 10,000 रुपए मिनिमम पेंशन का भी प्रबंध किया गया है.

इसके साथ ही यूपीएस के तहत कर्मचारियों की पेंशन पर महंगाई भत्ते भी शामिल करने का प्रावधान किया गया है. यह ‘ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्क्स’ (एआईसीपीआईयडब्लू) के आधार पर कैलकुलेट की जाएगी.

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

Recent Posts

Bypoll Election Results 2024: वायनाड से अपने पहले चुनाव में Priyanka Gandhi 5 लाख से अधिक वोटों से आगे

ये चुनाव कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनावी करिअर की शुरुआत है, जो वायनाड…

15 mins ago

15 दिसंबर से शुरू होगा खरमास, इन 4 राशि वालों का बढ़ सकता है बैंक बैलेंस

Kharmas Lucky Zodiac: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल खरमास का महीना 15 दिसंबर से…

45 mins ago

Jharkhand Election 2024: राज्य में INDIA गठबंधन BJP नेतृत्व वाले NDA से आगे

झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है. यहां पहले चरण में 13 नवंबर को…

54 mins ago

दिल्ली हाईकोर्ट का दिल्ली सरकार और PWD को निर्देश, चिड़ियाघर और मथुरा रोड के पास फुट ओवरब्रिज बनाने पर निर्णय ले

चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने प्रतिवादियों को एक समय…

1 hour ago

Border-Gavaskar Trophy: पर्थ टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया 104 रन पर लुढ़का, भारत को 46 रन की बढ़त

BGT Perth Test: पर्थ टेस्ट का आज दूसरा दिन है. पहले सेशन में ऑस्ट्रेलिया 104…

1 hour ago