जयपुर: राजस्थान के जयपुर से एक विचित्र मामला सामने आया है. जहां पत्नी ने पति से गुजारा के लिए पैसे की मांग की. फिर क्या था पति 7 बोरियों में 55 हजार के सिक्के लेकर सीधे फैमिली कोर्ट पहुंच गया. दरअसल, करीब 1 साल पहले एक दंपती तलाक के लिए अदालत का रुख किया. दोनों के तलाक के मामले की सुनवाई फैमिली कोर्ट में चल रही है. अदालत ने मामले में फैसला सुनाते हुए पति दशरथ कुमावत को 5000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था लेकिन वह पिछले 11 महीने से इसे पत्नी को नहीं दे रहा था. अब जब पत्नी गुजारा भत्ते की मांग की तो पति 7 बोरियों में सिक्के लेकर अदालत पहुंच गया.
बता दें कि पिंक सिटी जयपुर में दशरथ और सीमा ने करीब 10 साल पहले शादी की थी. शादी के बाद दोनों काफी खुश थे. समय धीरे-धीरे बीतता गया. शादी के पांच साल बाद दोनों के बीच आपसी मनमुटाव शुरु हो गया. झगड़ा इतना बढ़ा कि बात तलाक तक आ गई. दशरथ ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी डाल दी. इस मामले पर अदालत ने सुनवाई करते हुए पति को हर महीने पत्नी को भरण-पोषण के लिए 5 हजार रुपए देने का निर्देश दिया. अदालत के आदेश के बाद भी दशरथ करीब 11 महीने से पत्नी को पैसे नहीं दे रहा था. जब पत्नी ने अदालत में फिर से अर्जी डाली तो जयपुर की कोर्ट में युवक 7 बोरियों में 55 हजार रुपए लेकर पहुंच गया.
दशरथ जब 7 बोरियों में 55 हजार रुपये के सिक्के लेकर अदालत पहुंचा तो वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए. इतने सारे सिक्के देखकर दशरथ की पत्नी नाराज हो गई. पत्नी ने गुस्से में कहा कि ये तो मानसिक उत्पीड़न है, ये गुजारे की रकम नहीं है बल्कि प्रताड़ना है. वहीं सीमा के वकील ने कहा कि इन सिक्कों को गिनने में ही 10 दिन लग जाएंगे.
पत्नी के आरोपों पर पति दशरथ ने कहा कि ये सारे लीगल करेंसी है. इसे स्वीकार किया जाना चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने सिक्कों की गिनती के आदेश दे दिए हैं. अदालत ने पति दशरथ को अदालत में सिक्कों की गिनती करने के लिए प्रत्येक 1000 रुपये के पैकेट बनाने और उन्हें अगली सुनवाई पर उन्हें सौंपने के लिए कहा है.
बताते चलें कि जयपुर के हरमाड़ा इलाके के रहने वाले दशरथ को 17 जून को गुजारा भत्ता न देने के आरोप में फैमिली कोर्ट नंबर 1 द्वारा रिकवरी वारंट जारी करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. “चूंकि पति ने राशि देने से इनकार कर दिया, इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अवकाश के कारण फैमिली कोर्ट बंद था, इसलिए उसे अपर जिला जज (ADG)-नंबर 8 के लिंक कोर्ट में पेश किया गया.
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