संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार कई बिलों को पेश करने वाली है. इस कड़ी में पहला बिल मंगलवार (19 सितंबर) को पेश किया गया. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश किया. इससे पहले पीएम मोदी ने इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन बिल रखा. लोकसभी में पेश होने के बाद आज (20 सितंबर) को इस पर चर्चा रहो रही है. लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में बिल को पेश किया जाएगा. बीजेपी के पास दोनों सदनों में बहुमत है. इसलिए बिल पास होने में कोई अड़चन नहीं आएगी, लेकिन क्या बिल पास होने के बाद लागू हो जाएगा, या फिर इसे अभी और इतंजार करना पड़ेगा.
संसद से बिल पास होने के बाद क्या सरकार इसे 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लागू करेगी या फिर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक इंतजार करेगी. कहीं ऐसा तो नहीं बिल के पास होने के बाद भी अभी देश को लंबा इंतजार करना पड़े.
दरअसल, बिल के पास होने और कानून लागू होने के बीच में कई रुकावटें भी आएंगी. जिसको देखते हुए कहा जा सकता है कि देश को अभी कई सालों का इंतजार करना होगा. जिसका जिक्र पेश किए गए महिला आरक्षण बिल में है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा था कि जब तक देश में जनगणना और परिसीमन नहीं होता है, ये कानून लागू नहीं होगा.
जनगणना के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन कराया जाएगा. उसके बाद ही महिला आरक्षण कानून को लागू किया जाएगा. कानून लागू होने की तारीख से अगले 15 साल तक प्रभावी रहेगा. अब ऐसे में साफ हो जाता है कि पहले देश में जनगणना होगी. उसके बाद परिसीमन और फिर कानून लागू होगा.
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नियम के मुताबिक, देश में जनगणना 2021 में होने वाली थी, लेकिन अब तक नहीं हो पाई है. ऐसे में अब ये कब तक होगी, इसके बारे में फिलहाल कुछ सटीक जानकारी किसी को नहीं है. जनगणना शुरू होने और फिर खत्म होने में काफी समय लगेगा. उसके बाद जनगणना के आंकड़े प्रकाशित किए जाएंगे. आंकड़े प्रकाशित होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन होगा. जिसका आबादी के हिसाब से लोकसभा सीटों के क्षेत्र का निर्धारण किया जाएगा. उसके बाद ही इसे लागू किया जाएगा. अब ऐसे में महिला आरक्षण कानून 2024 में लागू होने से रहा.
हालांकि यह रास्ता इतना भी आसान नहीं है. इसके पीछे की वजह भी जान लेते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान संविधान संसोधन हुआ था. जिसमें कहा गया था कि 2026 के बाद जो पहली जनगणना होगी और उसके आंकड़े प्रकाशित किए जाएंगे, उसके बाद परिसीमन होगा. इस तरह से अगर देखें तो 2026 के बाद पहली जनगणना 2031 में होगी. लोकसभा चुनाव 2034 में होंगे. उसके बाद ही ये कानून लागू होगा. क्योंकि बिल में ये भी साफतौर पर लिखा गया कि विधानसभा या फिर लोकसभा के कार्यकाल के बीच में कानून लागू नहीं होगा. ऐसे में ये कानून 2029 से पहले लागू नहीं किया जा सकेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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