Leh: लेह में दिव्यांग व्यक्तियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगों को प्रोडक्ट के डिजाइन में रचनात्मक कौशल के साथ सशक्त बनाना और उन्हें उपलब्ध संसाधनों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण बाजार-तैयार उत्पाद जैसे बैग, डायरी कवर, खिलौने और बहुत कुछ बनाने के लिए ज्ञान और कौशल प्रदान करना है. उद्घाटन समारोह में लद्दाख की प्रथम महिला नीलम मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति रही. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को सशक्त बनाने और उत्थान करने और पीएजीआईआर को उत्पाद विकास में बेहतर करने के लिए प्रेरित करने की प्रशासन की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
नीलम ने कहा कि हस्तनिर्मित उत्पादों में आकर्षण, रंग संयोजन, लोगो, ब्रांडिंग, डिजाइन और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी उत्पाद को उसकी गुणवत्ता और विशेषता के साथ बाजार में अलग पहचान दिलाना जरूरी है. रंगों का सही चयन भावनाएं पैदा कर सकता है, संदेश दे सकता है और उत्पादों के लिए माहौल तैयार कर सकता है. उन्होंने सलाह दी कि डिजाइन किसी भी प्रोडक्ट के लिए सबसे जरूरी चीज है. उन्होंने बताया कि एक अच्छी तरह से तैयार किया गया लोगो और ब्रांडिंग रणनीति किसी उत्पाद को एक व्यक्तित्व प्रदान करती है.
कार्यक्रम में सामाजिक और जनजातीय कल्याण व तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के आयुक्त सचिव व लद्दाख कौशल विकास मिशन, यूटी लद्दाख के मिशन निदेशक पद्मा एंगमो ने बाजार के लिए तैयार डिजाइन और गुणवत्ता वाले तैयार उत्पादों के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि PAGIR के गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का उपयोग विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जा सकता है.
सामाजिक और जनजातीय कल्याण विभाग, यूटी लद्दाख के निदेशक ताशी डोल्मा ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को उत्पाद विकास के क्षेत्र में आवश्यक प्रशिक्षण और कौशल प्रदान करना है. यह उन्हें आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आशा की किरण है, जो उन्हें अपनी रचनात्मकता, कौशल और प्रतिभा का उपयोग करने और समाज में योगदान करने का मौका प्रदान करता है.
यह भी पढ़ें: MP Election 2023: “नाराज, शिवराज और महाराज खेमे में बंटी हुई है BJP” भाजपा के बयान पर कांग्रेस का पलटवार
डिजाइनर निजी बंसल ने कहा कि यह कार्यक्रम एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रगति और विकास की यात्रा में कोई भी पीछे न रहे. उन्होंने कहा कि पीएजीआईआर पहले से ही कचरे से सुंदर उत्पाद विकसित कर रहा है, और इस प्रशिक्षण का उद्देश्य डिजाइन के छोटे हस्तक्षेपों के माध्यम से अपने उत्पादों में अधिक मूल्य जोड़ना है, जिससे वे अपने गुणवत्ता वाले उत्पादों को अच्छी कीमतों पर बेचने में सक्षम हो सके.
10-दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिव्यांगों विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे उन्हें व्यवसाय और फैशन उद्योग की लगातार विकसित हो रही दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस किया जाएगा. कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग (टीई एंड एसडी), लद्दाख कौशल विकास मिशन (एलएसडीएम), यूटी लद्दाख के तत्वावधान में आयोजित किया गया था.
भोपाल के मिंडोरा इलाके में एक लावारिस कार में बड़ी मात्रा में नकद और कीमती…
Chaudhary Charan Singh Birth Anniversary: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की…
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट…
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भाषा एक समय हाशिए पर रहने वाले समुदायों के…
इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित उनके परिवार के पांच सदस्य आरोपी है. इसमें…
राजयोगी ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश 'भाईजी' ब्रह्माकुमारीज संस्था के मीडिया प्रभाग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं इंदौर…