Sickle Cell Anemia – Symptoms & Causes: भारत के एक राज्य में इन दिनों हजारों लोग ‘सिकल सेल’ रोग से पीड़ित हैं. साथ ही लाखों लोगों में इसके लक्षण पाए गए हैं. यह रोग फैला है— छत्तीसगढ़ में. जहां पर आज 19 जून को ‘विश्व सिकलसेल दिवस’ के अवसर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. वहां के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में ‘सिकल सेल’ से जुड़ी जानकारी दी.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में सिकल सेल रोग के बारे में बताया, “हमारे यहां करीब 1 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई है, जिसमें से करीब 3.5 लाख लोगों में इसके (सिकल सेल रोग) लक्षण पाए गए हैं और 22.5 हजार लोग इस बीमारी से ग्रस्त पाए गए हैं.”
उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में हमारा स्वास्थ्य और जन-जातीय विभाग लगा हुआ है…ये बीमारी जागरूकता लाने की है…हमारे देश के विद्वान लगे हुए हैं कि इस रोग का उन्मूलन हो.”
सिकल सेल रोग (SCD) सबसे आम वंशानुगत रक्त विकार है जो लोगों के लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है.
राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि आदिवासी क्षेत्रों में सिकलसेल जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, ग्राम पंचायतों तथा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, विभागीय छात्रावास, आश्रमों और अन्य विद्यालयों में आवश्यक तैयारियां की गईं. इस संबंध में सभी कलेक्टरों, सहायक आयुक्तों और परियोजना प्रशासकों को पत्र जारी कर आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए गए.
‘सिकल सेल’ रोग की चपेट में आए लोगों के बचाव के लिए केंद्र सरकार ने भी प्रयास शुरू कर दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि भारत सरकार के अधिकारी 19 जून को छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों में सिलकलसेल के प्रति जागरूकता और इस रोग से पीड़ित मरीजों से वर्चुअल चर्चा करेंगे.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सिकल सेल रोग माता-पिता से बच्चों में HBB जीन में आनुवंशिक परिवर्तन या परिवर्तन के कारण होता है. जीन हीमोग्लोबिन (HB) का उत्पादन करने में मदद करता है, लाल रक्त कोशिकाओं पर अणु जो ऑक्सीजन ले जाता है. सिकल सेल रोग से पीड़ित लोग बीमारी से बचने के बेहतर प्रबंध करें तो 50 वर्ष से अधिक जीवित रह सकते हैं.
यह एक अनुवांशिक रोग है. इसलिये जब तक खून की जांच न करवाई जाए, तब तक इस रोग की जानकारी नहीं मिलती.
एनीमिया का बढ़ना, बुखार और सांस लेने में तकलीफ़ के साथ शरीर की लंबी हड्डियों, पेट और छाती में दर्द होना, सिकल सेल बीमारी के मुख्य लक्षण हैं. सिकल सेल बीमारी का पता लगाने के लिए एक खास तरह का ब्लड टेस्ट किया जाता है, जिसे इलैक्ट्रोफ़ोरेसिस कहते हैं. डॉक्टर कहते हैं कि लोगों को ऐसी गतिविधियों से बचना चाहिए, जिनसे यह बीमारी हो सकती है.
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— भारत एक्सप्रेस
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