World Tourism Day: टूरिस्टों की जागरूकता के लिए हर वर्ष ‘वर्ल्ड टूरिज्म डे’ 27 सितंबर को मनाया जाता है. ‘वर्ल्ड टूरिज्म डे’ मनाने का खास मकसद दुनियाभर में मौजूद संस्कृतियों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाना है. साथ ही लोगों को पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूक करना है. ‘वर्ल्ड टूरिज्म डे’ के मौके पर देश के अलग-अलग कोनों में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, वहीं कुछ राज्यों में पर्यटन स्थलों पर सैलानियों को फ्री एंट्री दी जा रही है.
इसी बीच ‘मोदी आर्काइव’ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुछ पुरानी तस्वीरें शेयर की गई है. जिसमें बताया गया है कि कैसे नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते राज्य को टूरिज्म का हब बनाया. पोस्ट में बताया गया कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात को सिर्फ पर्यटन मानचित्र पर ही जगह नहीं दिलाई, बल्कि राज्य को पर्यटकों के लिए और बेहतर बना दिया.
गुजरात का समृद्ध इतिहास, जीवंत संस्कृति और जंगलों का आकर्षण
‘मोदी आर्काइव’ के पोस्ट में लिखा गया, “अपने समृद्ध इतिहास, वडनगर जैसे प्रतिष्ठित शहर, गिर राष्ट्रीय उद्यान के जंगल और मोढेरा के सूर्य मंदिर जैसे वास्तुशिल्प चमत्कारों के बावजूद, दुनिया ने गुजरात को पर्यटन स्थल के रूप में शायद ही देखा हो. गुजरात का इतिहास समृद्ध था, संस्कृति जीवंत थी और जंगली इलाके थे, लेकिन पर्यटक कहां थे? नरेंद्र मोदी ने इसे खुद व्यक्तिगत आंदोलन बनाया. तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने 2005 में कहा था, “पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और अपनी समृद्ध परंपराओं को उनके प्रामाणिक रूप में दुनिया के सामने पेश करना होगा.”
अगले वर्ष 2006 में, मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “पर्यटन वर्ष” घोषित किया और एक आंदोलन की शुरुआत की. जिसने हर पर्यटक को गुजरात के नक्शे पर लाकर खड़ा कर दिया. यहां पर्यटन की संभावनाओं को पर लगे और धीरे-धीरे एक पर्यटन क्षेत्र के रूप में गुजरात को दुनिया के नक्शे पर पहचान मिली.
2010 में सीएम मोदी ने “खुशबू गुजरात की” अभियान चलाया. जिसमें बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को गुजरात पर्यटन का चेहरा बनाया गया. गिर के शेर की दहाड़ राज्य के पर्यटन का प्रतीक बना और इसके साथ ही गुजरात एक ऐसा प्रदेश बन गया जिसमें पर्यटकों के लिए अपार संभावनाएं थीं और इन पर्यटकों के पास यहां अभी बहुत कुछ जानना और खोजना बाकी था. नरेंद्र मोदी ने पर्यटकों से एक अपील की- “कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में…”- और दुनिया ने उनकी बात सुनी.
जिसका नतीजा? यह अभियान वायरल हो गया. साल 2009 से 2012 तक पर्यटकों की संख्या में 30% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 1.70 करोड़ से बढ़कर 2.23 करोड़ हो गई.
बता दें कि हर साल ‘वर्ल्ड टूरिज्म डे’ के दिन लोगों में पर्यटन उद्योग के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस बार ‘वर्ल्ड टूरिज्म डे 2024’ की थीम “टूरिज्म एंड पीस” (पर्यटन और शांति) है.
— भारत एक्सप्रेस
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