Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर योगी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव ड्यूटी में किसी तरह की किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए सम्बंधित विभागों के जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. इसी के साथ ही योगी सरकार ने परिवहन निगम को अच्छी बसें उपलब्ध कराने का निर्देश भी जारी कर दिया है. परिवहन निगम को जारी निर्देश में कहा गया है, चुनाव में लगाई जाने वाली बसों की फिटनेस की जांच कराने, बसों की अगली फिटनेस डेट चुनाव अवधि समाप्त होने के पश्चात ही हो और यदि आवश्यकता हो तो एडवांस फिटनेस कराने को कहा गया है.
योगी सरकार ने इस सम्बंध में कड़े निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि किसी भी दशा में अनफिट बसें नहीं भेजी जाएंगी. साथ ही चालकों का लाइसेंस वैलिडिटी चेक करके ही उन्हें चुनाव ड्यूटी पर भेजा जाएगा.
वहीं इस सम्बंध में प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने मीडिया को जानकारी दी और कहा कि, जो बसें आफरोड हैं, उनको तत्काल आनरोड किया जाए. चुनाव अवधि में किसी भी दशा में बसों का आफरोड 1 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि, बसों की भौतिक दशा अच्छी हो, बसों की सीटें, कल-पुर्जे, खिड़की, दरवाजे इत्यादि की जांच करके ठीक करा लें. बसों में हेडलाइट, टेललाइट, इन्डीकेटर, हार्न, वाइपर, इत्यादि उचित ढंग से कार्य कर रहे हो, इसकी भी जांच करा ली जाए. दया शंकर सिंह ने ये भी कहा है कि, बसों में फर्स्ट एड बाक्स दवाईयों सहित अवश्य उपलब्ध होना चाहिए. उन्होने निर्देश देते हुए कहा कि, बसों में निर्धारित स्थान पर निगम का हेल्पलाइन नंबर 18001802877 अवश्य लिखा होना चाहिए. यदि किसी वजह से बस में मेजर फाल्ट हो जाता है तो उसके स्थान पर दूसरी बस उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. इसके लिए वैकल्पिक वाहनों की व्यवस्था रखी जाए.
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गौरतलब है कि, बीएस-6 बसों में प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयोग होने वाले यूरिया यानी डीजल एफल्यूएंट फ्लूइड (डेफ) का उत्पादन अब परिवहन निगम खुद ही करने जा रहा है. इस दिशा में परिवहन निगम तेजी से काम कर रहा है. इस सम्बंध में परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि, अभी वर्तमान में बीएस-6 बसों में धुएं के माध्यम को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले यूरिया को प्रतिष्ठित कम्पनियों द्वारा ओपन मार्केट में टेन्डर के माध्यम से क्रय किया जाता है. इस क्षेत्र में उत्पादन इकाई लगाए जाने के पश्चात परिवहन निगम को आने वाले खर्च में लगभग 20 प्रतिशत की कमी का अनुमान है.
उन्होंने आगे बताया है कि, पिछले दिनों में परिवहन निगम के अधिकारियों द्वारा मार्केट में संचालित यूरिया उत्पादन इकाईयों का निरीक्षण किया गया है, जिसके पश्चात तकनीकी अधिकारियों द्वारा स्वयं परिवहन निगम में यूरिया उत्पादन इकाई लगाने पर मंथन किया जा रहा है. वह आगे बोले कि, परिवहन निगम द्वारा अपनी बसों में प्रयुक्त टायरों का रिट्रीडिंग करके आर्थिक खर्च में काफी कमी लाई गई है. उन्होंने कहा कि, ठीक इसी प्रकार बीएस-6 बसों में प्रयोग होने वाले यूरिया के प्लान्ट लगाने से आर्थिक खर्चे में काफी कमी आएगी और यह निगम के लिए लाभकारी होगा.
परिवहन मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए इस सम्बंध में आगे जानकारी दी और बताया कि, बीएस-6 बसें अत्याधुनिक होने के साथ-साथ न्यूनतम प्रदूषण करती हैं. बीएस-6 बसों को क्रय किया जाना परिवहन निगम के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य एवं सुविधा की दृष्टि से अहम है. जानकारों के मुताबिक, यूरिया का उपयोग डीजल इंजन में नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) के उत्सर्जन को कम करने के लिए किया जाता है. जानकार बताते हैं कि, एनओएक्स एक हानिकारक प्रदूषक है. इसके इस्तेमाल से सांस से जुड़ी समस्या पैदा हो सकती है और ये स्मॉग बनने में भी सहयोग करता है. यूरिया को डीजल इंजन की निकास धारा में इंजेक्ट किया जाता है, जहां यह एनओएक्स के साथ प्रतिक्रिया करके हानिरहित नाइट्रोजन गैस और जल वाष्प बनाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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