नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित भ्रष्टाचार की इमारत अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है.. सुपरटेक के 32 मंजिला ट्विन टावर्स को 28 अगस्त की दोपहर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया। करीब 300 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए दोनों टॉवर 9 सेकेंड में खाक में तब्दील हो गए.. दोनों टॉवर्स को ध्वस्त करने से पहले नोएडा प्राधिकरण और पुलिस ने विशेष इंतजाम किए थे.. आसपास की सोसायटियों में रहने वाले लोगों को बाहर निकाल दिया गया था… इमारत का ध्वस्तीकण प्लान के मुताबिक ही हुआ.. हालांकि इस दौरान आसपास की सोसायटियों में मामूली नुकसान भी हुआ है..
ट्विन टॉवर्स गिराए जाने के बाद सुपरटेक के एमराल्ड टॉवर में लोग अपने मकान में पहुंचने लगे हैं.. लोगों ने बताया कि जितनी उम्मीद थी उससे कम नुकसान हुआ है और धूल भी ज्यादा नहीं है.. लोगों ने खुद से और सोसाइटी के आरडब्ल्यूए ने काफी इंतजाम किए थे.. जिसके चलते लोगों को अब ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है.. एस्टर वन में रहने वाले लोगों के मुताबिक उन्होंने मोटे पॉलिथीन से अपने घर के सभी दरवाजों और खिड़कियों को कवर कर दिया था। जिसके चलते जब ब्लास्ट हुआ तो उसके बाद बहुत ज्यादा धूल जमा नहीं हो पाई।
लोगों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि जब वह अपने फ्लैट में पहुंचेंगे तो वहां पर बहुत ज्यादा गंदगी, धूल और मलबा मिलेगा.. लेकिन ऐसा कुछ खास देखने को नहीं मिला। लोगों ने एसी और वाशिंग मशीन समेत कई सामानों को कवर करके रखा था..
जिस तकनीक के साथ ट्विन टावर को गिराया गया जिससे आसपास की सोसायटी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और लोग भी उनके किए गए काम से काफी खुश हैं।
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