उत्तरप्रदेश में बहुत जल्द अब स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर बदलने जा रही है. योगी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है. बता दें कि स्कूलों की जांच के दौरान पता चला कि स्कूलों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि और कार्य निर्धारण को लेकर की जा रही कार्यवाही संतोषजनक नहीं है. नए नियमों के बाद से शिक्षकों के लिए ड्यूटी से लेकर उनके ट्रांसफर और जिम्मेदारियों को साफ कर दिया गया है. जिसकी तारीफ खुद स्कूलों के शिक्षक कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में 5 लाख 80 हजार 84 टीचरों के पद हैं. इन 5 लाख से ज्यादा शिक्षकों को विद्यालय में बच्चों को शिक्षा देने के अलावा दूसरे काम भी करने होते है. इसमें स्कूल से जुड़े मिड डे मील और छात्रों की कॉपी-किताब, स्कूल ड्रेस आदि की व्यवस्था कराना भी शामिल है. यही नहीं इन शिक्षकों की ड्यूटी समय-समय पर होने वाले विधानसभा, लोकसभा चुनावों से लेकर पल्स पोलियो, मतदाता सर्वेक्षण सहित तमाम दूसरे विभागीय कामों में लगा दी जाती है. यूपी में शिक्षक लगातार इसकी मांग कर रहे थे. अब योगी सरकार के दिशा-निर्देश आने के बाद उन्हे राहत मिली है.
1. सभी टीचर क्लास में समय से 15 मिनट पहले उपस्थित होंगे. इसके बाद क्लास खत्म होने के बाद कम से कम 30 मिनट उपस्थित रहकर बचे हुए सभी कामों को पूरा करेंगे.
2. स्कूलों में अब शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन नहीं किया जाएगा. इसके अलावा शिक्षकों की अब मतगणना, पल्स पोलियो अभियान जैसे तमाम ऐसे दूसरे विभागों में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. इससे स्कूलों की पढ़ाई ठप हो जाती थी.
3. इसके अलावा शिक्षकों की ट्रेनिंग को लेकर भी स्थितियां साफ कर दी गई हैं. जिसमें कहा गया है कि शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी(SCERT) के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा लेकिन जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे.
4. शिक्षण कार्य सबसे ज्यादा प्रभावित कुछ ऐसे कार्यों के चलते भी होता था. जैसे नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक सहित अन्य सामग्री का वितरण कराया जा रहा है. निर्देश है कि ये काम भी अब शिक्षण अवधि के बाद किया जाएगा.
5. योगी सरकार ने सबसे ज्यादा ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल पर लगाम लगाने की कोशिश की है. साथ ही निर्देश भी दिया गया है कि परिषदीय शिक्षकों को जिला प्रशासन, बीएसए दफ्तर और खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर में संबद्ध नहीं किया जाएगा
6. इसके अलावा शिक्षकों को वेतन, अवकाश आदि से संबंधित सभी काम ऑनलाइन करने होंगे. इसके लिए एप्लीकेशन लेने या पैरवी करने के लिए उन्हे BSA दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है
7. स्कूल से गैरहाजिर मिलने पर शिक्षकों पर एक्शन भी होगा साथ ही वेतन भी काटा जाएगा. इसके अलावा विद्यालय से संबंधित बैंकिंग कार्यों जैसे- पासबुक में एंट्री संबंधी जरुरतों को बताकर शिक्षक बाहर रहते थे. अब इसके लिए कहा गया है कि शिक्षक इन कामों को भी ऑनलाइन ही करेंगे.
योगी सरकार के इन दिशा-निर्देशों के बाद स्कूल के हालात बदलने की उम्मीद है. इसके अलावा खुद शिक्षक भी सरकार के इन नियमों को पसंद कर रहे हैं.
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