नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने शुक्रवार से चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है और कमोडिटी के विभिन्न ग्रेडों पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क भी लगाया है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि खरीफ सीजन में घरेलू उत्पादन 10 से 1.2 करोड़ टन तक कम हो सकता है। पांडे ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि धान की अपर्याप्त बुवाई, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे चावल वाले राज्यों में खराब बारिश के कारण उत्पादन में कमी आएगी।
सूत्रों ने कहा कि चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और निर्यात शुल्क लगाने के सरकार के फैसले का उद्देश्य घरेलू कीमतों पर लगाम लगाना और चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। वहीं, पांडे ने दावा किया कि देश में चावल का सरप्लस उत्पादन होगा। उन्होंने बताया कि कम बारिश के कारण कई चावल राज्यों में धान के रकबे में कमी आई है और 38 लाख हेक्टेयर कम हो गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पीडीएस लाभार्थियों को चावल भी बांटा जाता है। मार्च 2020 में कोविड महामारी के दौरान शुरू हुई यह योजना 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है। यह पूछे जाने पर कि क्या इसे सितंबर से आगे बढ़ाया जाएगा, पांडे ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
–आईएएनएस
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