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पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में ED के आरोप-पत्र को दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में अपने व बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के विशेष अदालत के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने इस मामले की कुछ देर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई 20 नवंबर के लिए स्थगित कर दी. न्यायमूर्ति को यह भी बताया गया कि 20 नवंबर को ही विशेष अदालत में सुनवाई होनी है.

चिदंबरम के वकील ने न्यायमूर्ति से कहा था कि विशेष अदालत ने धन शोधन के मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते समय इस बात पर गौर नहीं किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए संबंधित प्राधिकार से मंजूरी नहीं ली गई है. जबकि यह जरूरी था, क्योंकि चिदंबरम उस समय लोक सेवक थे. ईडी के वकील ने याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल खड़ा किया और कहा कि इस मामले में अभियोजन के लिए मंजूरी की जरूरत नहीं है. क्योंकि आरोप चिदंबरम के कायरे से संबंधित है. इसका उनके आधिकारिक कर्तव्यों से कोई लेना-देना नहीं है.

चिदंबरम ने अंतरिम राहत के तौर पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक विशेष अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की है. विशेष अदालत ने 27 नवंबर, 2021 को एयरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ सीबीआई एवं ईडी के आरोप पत्रों पर संज्ञान लिया था और उन्हें अगली तारीख के लिए तलब किया था.

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ने पूछा था कि क्या इस मामले में दोनों जांच एजेंसियों ने मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी ली है तो एजेंसियों के वकील ने जवाब दिया कि इसकी आवश्यकता नहीं है. ईडी के वकील ने कहा कि यह मानते हुए भी कि मंजूरी की आवश्यकता थी, सं™ोय आदेश को इस आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह एक सुधार योग्य दोष है. चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने कहा कि मुकदमा चलाने के लिए कानून के तहत मंजूरी लेना अनिवार्य है. ईडी ने इसकी मंजूरी नहीं ली है.


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ये मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. यह मंजूरी वर्ष 2006 में दी गई थी जब चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि वित्त मंत्री के तौर पर चिदंबरम ने अपनी अधिकार क्षेत्र से परे जाकर सौदे को मंजूरी दी है. इससे कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचा और रित मिली थी.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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