Godhra Train Burning Case: सुप्रीम कोर्ट 2002 गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में गुजरात सरकार और दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट 13 फरवरी को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने साफ किया कि इसके बाद मामले में सुनवाई नही टाली जाएगी. जस्टिस जे. के महेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान एक दोषी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि कोई सबूत रिकॉर्ड में नही रखा गया है.
कोर्ट ने कहा कि हम मामले की सुनवाई करेंगे और हमने पहले ही साफ कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि इस मामले को कम से कम पांच बार टाला गया है. वही वकील ने कहा कि मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के खिलाफ गुजरात के तरफ से दायर अपील पर पहले सुनवाई होनी चाहिए.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने यह भी कहा कि 22 साल बीत चुके है. मेरे क्लाइंट को मौत की सजा नही दी गई है. इस पर कोर्ट को पहले पुष्टि करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि पिछले एक साल से मामले में सुनवाई नही ही रही है. जस्टिस महेश्वरी ने कहा कि हमें सीजेआई कार्यालय से निर्देश मिला है कि आपराधिक अपील और माफी के मामलों की एक साथ सुनवाई करने की जरूरत नही है.
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद गुजरात में दंगा भड़क गया था. गुजरात हाई कोर्ट द्वारा अक्टूबर 2017 में दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की है. जिसमें कई दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया था और 11 लोगों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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