राजनीति की दुनिया में आए दिन बदलाव हो रहे हैं. जटिल और विकसित होती इस राजनीति में आगे बढ़ पाना उन्हीं लोगों के लिए आसान है जो असाधारण राजनीतिक कौशल के खिलाड़ी हैं. जिन्हें अपने विरोधियों को अपनी उम्दा रणनीति से परास्त करने का हुनर आता हो. वही एक कामयाब राजनेता बन सकता है. इन सब का प्रदर्शन हालिया दिनों में महाराष्ट्र के वर्तमान उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक प्रमुख व्यक्ति देवेंद्र फडणवीस किया है. पहले शिवसेना और अब एनसीपी में सेंध लगाकर उन्होंने अपनी जीत को एक नया मुकाम दिया है. जिसके बाद अब देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक नेता के रूप में स्थापित हो गए हैं, यहां तक कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे अनुभवी दिग्गजों पर भी भारी पड़ गए हैं.
देवेंद्र फडणवीस ने लगातार खुद को एक रणनीतिक मास्टरमाइंड के रूप में साबित किया है, जो मौजूदा राजनीतिक हालातों को समझने और उन अवसरों को अपने पक्ष में करने की उनके अंदर गजब की क्षमता है. विरोधी दलों में फूट डालने की उनकी क्षमता उनकी सामरिक प्रतिभा का प्रमाण है. एनसीपी के अंदर सियासी फूट डालकर, देवेंद्र फडणवीस ने एक अनुभवी राजनीतिक योद्धा और महाराष्ट्र की सियासत के एक सम्मानित नेता, शरद पवार को इस राजनीतिक अखाड़े में पछाड़ दिया है. देवेंद्र फडणवीस की इस उपलब्धि ने उन्हें राज्य के दिग्गज रणनीतिकार के रूप में स्थापित कर दिया है.
एनसीपी के भीतर हालिया विभाजन और प्रमुख नेता एकनाथ शिंदे के 2022 में भाजपा में शामिल होने को देवेंद्र फडणवीस की बड़ी जीत मानी जा रही है. देवेंद्र फडणवीस के इस सियासी कदम ने एनसीपी की ताकत को बहुत हद तक कमजोर कर दिया है. इसके साथ ही एनसीपी को असमंजस की स्थिति में छोड़ दिया है. विरोधी दलों के दिग्गज नेताओं पर जीत दर्ज कर फडणवीस ने राजनीतिक कौशल, गठबंधन बनाने की उनकी क्षमता का सबसे बड़ा प्रमाण है. विपक्ष को चारों खाने चित्त कर उसकी जड़ों को कमजोर कर दिया है.
एनसीपी को तोड़ने के अलावा देवेंद्र फडणवीस ने इससे पहले शिवसेना में भी सेंध लगाकर उद्धव ठाकरे को करारी चोट पहुंचाई थी. एकनाथ शिंदे को शिवसेना के पाले से अपनी तरफ खींच लिया था. उसके बाद शिवसेना पर भी दावा ठोंक कर पार्टी पर कब्जा करा दिया. इस रणनीतिक पैंतरेबाज़ी ने न केवल एक बार दुर्जेय रही शिवसेना को खंडित कर दिया, बल्कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए प्रतिद्वंद्वी दलों के भीतर पड़ी फूट का फायदा उठाने की अपनी क्षमता को भी उजागर किया.
देवेंद्र फडणवीस की इन सियासी जीतों ने उन्हें महाराष्ट्र के सबसे बड़े राजनीतिक नेता के दर्जे तक पहुंचा दिया है. जटिल राजनीतिक परिस्थितियों से निपटने, गठबंधन बनाने और अपने विरोधियों को कमजोर करने की उनकी क्षमता अद्वितीय है. फडणवीस के रणनीतिक कौशल और कुशल चालों ने न केवल उन्हें बीजेपी के अंदर मजबूत किया है, बल्कि उन्हें राज्य में एक करिश्माई और प्रभावशाली नेता के रूप में भी मान्यता दी है. कागज पर भले ही देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री पद पर हों, लेकिन उनकी पिछली विरासत और वर्तमान कद उन्हें महाराष्ट्र में सरकार का वास्तविक मुखिया बनाते हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान राज्य के इतिहास में एक परिवर्तनकारी युग आया. अपने कार्यकाल के दौरान, फणनवीस ने दूरदर्शी नीतियों की एक श्रृंखला लागू की और कई पहलों का नेतृत्व किया, जिन्होंने महाराष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है.
उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक जहां देवेंद्र फडणवीस ने महत्वपूर्ण प्रगति की, वह बुनियादी ढाँचा विकास था। उन्होंने एक मजबूत और आधुनिक बुनियादी ढांचा नेटवर्क के निर्माण को प्राथमिकता दी, जिसने महाराष्ट्र के शहरी और ग्रामीण परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. प्रमुख मुंबई मेट्रो परियोजना, नागपुर मेट्रो और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक उनके नेतृत्व में शुरू और पूरी की गईं कुछ प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं. कनेक्टिविटी और परिवहन प्रणालियों को बढ़ाने पर फडनवीस के ध्यान से पहुंच में सुधार हुआ है, भीड़ कम हुई है और राज्य में आर्थिक विकास में तेजी आई है.
अनुकूल कारोबारी माहौल के महत्व को पहचानते हुए, देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बनाने के लिए व्यापक सुधार लागू किए. नौकरशाही प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, नियमों को सरल बनाने और पारदर्शिता में सुधार करने के उनके प्रयासों से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में महाराष्ट्र की रैंकिंग में महत्वपूर्ण सुधार हुआ. “महापरवाना” पहल, जिसका उद्देश्य उद्योगों की स्थापना के लिए परेशानी मुक्त अनुमतियाँ प्रदान करना था, निवेश आकर्षित करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में एक गेम-चेंजर थी.
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में कृषि और ग्रामीण विकास की महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए, देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के उत्थान और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए कई पहल शुरू कीं. जल संरक्षण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों पर केंद्रित “जलयुक्त शिवार” योजना ने महाराष्ट्र को सूखा-प्रतिरोधी बनाया और कृषि उत्पादकता में वृद्धि की. इसके अतिरिक्त, फडणवीस ने संकट को कम करने और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए फसल बीमा योजनाएं और ऋण माफी जैसी नवीन किसान-केंद्रित नीतियां पेश कीं.
देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में सामाजिक कल्याण और सशक्तिकरण के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता देखी गई. “मुंबई वाईफाई” पहल, जिसका उद्देश्य पूरे शहर में मुफ्त इंटरनेट पहुंच प्रदान करना था, ने डिजिटल विभाजन को पाट दिया और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ नागरिकों को सशक्त बनाया. लातूर के सूखाग्रस्त क्षेत्र में पानी की कमी को पूरा करने वाली “जलयुक्त लातूर” परियोजना ने महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए फडणवीस के समर्पण को प्रदर्शित किया. इसके अलावा, फडनवीस ने महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और शिक्षा के लिए कई पहल शुरू कीं, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों में समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ.
आपदा प्रबंधन के प्रति देवेंद्र फडणवीस के सक्रिय दृष्टिकोण ने उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान प्रशंसा दिलाई. उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान नेतृत्व करने की उनकी क्षमता ने लोगों को प्रभावित किया. फडणवीस ने “सूखा-प्रवण क्षेत्रों के लिए खेत तालाब” परियोजना शुरू की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी को कम करना था.
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की राजनीतिक यात्रा असाधारण से कम नहीं है. विरोधी दलों, विशेष रूप से एनसीपी और शिवसेना के भीतर फूट डालकर उनके नेताओं को अपने पाले में खींचने की उनकी क्षमता ने उन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और एक राजनीतिक उस्ताद के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को मजबूत किया है. फडणवीस की रणनीतिक प्रतिभा, उनके करिश्मे और नेतृत्व करने की क्षमता ने आज उन्हें महाराष्ट्र में सबसे बड़े राजनीतिक नेता के रूप में मजबूती से स्थापित किया है.
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