Akshaya Navami 2024 Kab Hai: कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है. अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा का विधान है. परंपरा के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाया जाता है और उसे सबसे पहले भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है. कहते हैं कि मां लक्ष्मी ने सबसे पहले आंवले के पेड़ की पूजा की थी. मान्यता है कि तभी से अक्षय नवमी पर आंवले पेड़ की पूजा होती चली आ रही है. मान्यता है कि अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा करने से सुख-समृद्धि और खुशहाली का वरदान प्राप्त होता है. चलिए, जानते हैं अक्षय नवमी कब है, शुभ मुहूर्त और पूजन-विधि क्या है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि 09 सितंबर को रात 10 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 10 नवंबर को रात 09 बजकर 01 मिनट पर होगी. ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, अक्षय नवमी 10 नवंबर को मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है. इस शुभ योग का संयोग 11 नवंबर को देर रात 1 बजकर 42 तक है. इसके साथ ही इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. इतना ही इस बार अक्षय नवमी पर शिववास का भी खास संयोग बन रहा है. ऐसे में इन शुभ योग में अक्षय नवमी का व्रत और पूजन शुभ फलदायी रहेगा.
अक्षय नवमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद आंवले के वृक्ष क पूजा करें. इस दिन आंवले की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाकर रोली,अक्षत, फूल, धूप-दीप आदि से पवित्र वृक्ष की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें. इसके बाद आंवला के पेड़ में मौली बांधकर भगवान विष्णु के मंत्र का जप करें. फिर, आंवले के वृक्ष की सात बार परिक्रमा करने के बाद दीप जलाएं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें.
RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…
गुयाना से भारत लौटने के बाद पीएम मोदी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट…
महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…
पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…
देश के विभिन्न राज्यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…
एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…