February Vrat Tyohar List 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी माह में षटतिला एकादशी, वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा), मौनी अमावस्या, माघ गुप्त नवरात्रि, जया एकादशी समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार पड़ेंगे. फरवरी की पहली एकादशी षट्तिला एकादशी है. इस एकदाशी के दिन 6 प्रकार के तिल-दान का खास महत्व है. साल 2024 में षट्तिला एकादशी 06 फरवरी, मंगलवार को पड़ने वाली है. वहीं, फरवरी में 9 तारीख को मौनी अमावस्या पड़ेगी. माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन मौन व्रत रखने का खास धार्मिक महत्व है. मान्यतानुसार, मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ है. मौनी अमावस्या के बाद माघ गुप्त नवरात्रि शुरू होगी. इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है. जबकि, इस गुप्त नवरात्रि की समाप्ति 18 फरवरी 2024 को होगी. फरवरी में पड़ने वाली प्रमुख व्रत-त्योहारों की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व जानिए.
षटतिला एकादशी
06 फरवरी, मंगलवार को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. दृक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 24 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि की समाप्ति 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 07 मिनट पर होगी. षटतिला एकादशी व्रत का पारण (व्रत खोलने का समय) 7 फरवरी को सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट के बीच किया जाएगा.
प्रदोष व्रत
फरवरी 2024 का पहला प्रदोष व्रत 07 तारीख यानी बुधवार को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. पंचांग के मुताबिक, प्रदोष काल शाम 6 बजकर 34 मिनट से रात 9 बजकर 06 मिनट तक है. ऐसे में इस दौरान पूजा करना अच्छा रहेगा.
मौनी अमावस्या (माघ अमावस्या 2024)
09 फरवरी 2024 को माघ की अमावस्या है. शास्त्रों में माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा गया है. इस दिन मौन (चुप) रहकर स्नान-दान करना शुभ माना गया है. इसके अलावा इस दिन पितर देव की कृपा पाने के लिए भी श्राद्ध किया जाता है.
माघ नवरात्रि
साल 2024 की पहली नवरात्रि 10 फरवरी से शुरू रही है. माघ की नवरात्रि को ‘गुप्त नवरात्रि’ कहा जाता है. इस दौरान 9 दिन तक दस महाविद्या की उपासना की जाती है. इस साल गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से 18 फरवरी तक चलेगी.
कुंभ संक्रांति
ज्योतिष के अनुसार, 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति है. इस दिन सूर्य देव मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. तीर्थ स्थल प्रयागराज में इस दिन से माघ मेला की शुरुआत होती है. इसके अलावा कुंभ संक्रांति के दिन जरुरतमंदों के बीच दान करना शुभ माना गया है. सनातन धर्म में आस्था रखने वाले इस दिन सूर्य देव को जल देते हैं. इस दौरान आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, ऐसी मान्यता है.
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हिंदू धर्म मे वसंत पंचमी का खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुईं थी। इसके साथ ही मान्यता यह भी है कि इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन बच्चों का विद्या आरंभ संस्कार करना शुभ है. वसंत पंचमी के दिन मां शारदे की विधि-विधान से पूजा करने पर बुद्धि का विकास होता है. साथ ही ज्ञान की प्राप्ति होती है. पंचांग के अनुसार, इस साल यानी 2024 में वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) 14 फरवरी, बुधवार को है.
मान्यता के अनुसार, माघ शुक्ल अष्टमी को भीम अष्टमी कहा जाता है. हिंदू धर्म में भीम अष्टमी का खास धार्मिक महत्व है. पौराणिक मान्यता है कि भीष्म पितामह ने इसी दिन को मृत्यु के लिए चुना, क्योंकि उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था. महाभारत में कथा आती है कि भीष्म पितामह 18 दिन तक बाणों की शैय्या पर पड़े रहे और अपनी इच्छा के अनुसार, माघ शुक्ल अष्टमी के शुभ दिन का इंतजार किया और फिर प्राण छोड़ दिए. कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों से छुटकारा मिल जाता है. मान्यता यह भी है कि भीम अष्टमी के दिन व्रत रखने से पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है. 2024 में भीम अष्टमी 16 फरवरी, शुक्रवार को है. इस दिन रथ सप्तमी भी पड़ रही है.
जया एकादशी
पंचांग के अनुसार, 20 फरवरी 2024 को जया एकादशी है. एकादाशी तिथि की शुरुआत 19 फरवरी को सुबह 8 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी. जबकि एकादशी तिथि की समाप्ति 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर होगी. माघ की जया एकादशी व्रत का पारण 21 फरवरी सुबह 7 बजकर 4 मिनट से 9 बजकर 23 मिनट के बीच किया जाएगा.
माघ प्रदोष व्रत
माघ मास का प्रदोष व्रत 21 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दौरान शिवजी और मां पार्वती की पूजा का विधान है। इस व्रत के दौरान लोग व्रत रखकर प्रदोष काल में पूजा-पाठ करते हैं।
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पंचांग के अनुसार माघ की पूर्णिमा 24 फरवरी, शनिवार को है. इस दिन गंगा स्नान और दान का खास महत्व दिया गया है. इसे माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्याता है कि माघ की पूर्णिमा पर देवता भी प्रयागराज में आते हैं. यही वजह है कि इस दिन संगम-स्नान शुभ माना गया है.
28 फरवरी को माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. संकष्टी चतुर्थी व्रत के दौरान गणपति की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से उनकी खास कृपा प्राप्त होती है.
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