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Shani Jayanti 2025: शनि जयंती पर बन रहा महज 7 मिनट का शुभ योग, नोट कर लें डेट और समय

Shani Jayanti 2025: शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है. उनका जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हुआ था. इस वजह से हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में पूजा-पाठ और विशेष आयोजन किए जाते हैं. शनि देव सूर्य देव के पुत्र हैं और उनकी माता का नाम छाया है. शनि जयंती के दिन भक्त व्रत रखते हैं, शनि मंदिरों में दर्शन करते हैं और दान-पुण्य करते हैं. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे प्रभावों से राहत मिलती है. ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं आखिर शनि जयंती कब है और शुभ योग कौन से हैं?

शनि जयंती 2025 कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 26 मई सोमवार को दोपहर 12:11 बजे शुरू होगी। यह तिथि 27 मई मंगलवार को सुबह 8:31 बजे तक रहेगी. क्योंकि इस दिन उदयातिथि की मान्यता होती है, इसलिए शनि जयंती 27 मई 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी.

शनि जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त

27 मई को शनि जयंति के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:03 से 4:44 बजे तक है. वहीं शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:51 से 12:46 बजे तक है. इस दौरान पूजा और संकल्प करना शुभ रहेगा. यदि ब्रह्म मुहूर्त में न उठ पाएं तो सूर्योदय के बाद भी पूजा की जा सकती है.

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शनि जयंती पर बन रहा महज 7 मिनट का शुभ योग

इस साल शनि जयंती पर एक बेहद खास योग बन रहा है – सर्वार्थ सिद्धि योग। यह योग केवल 7 मिनट के लिए रहेगा – सुबह 5:25 से 5:32 बजे तक। इस समय में किया गया कोई भी कार्य शुभ फल देता है. इसके अलावा दो और शुभ योग भी बन रहे हैं. उस दिन सुकर्मा योग सुबह से रात 10:54 बजे तक है. उसके बाद से धृति योग बनेगा. ज्येष्ठ अमावस्या तिथि में द्विपुष्कर योग सुबह 5:02 से 5:25 बजे तक रहेगा. यह 28 मई को होगा.

शनि जयंती का महत्व क्या है?

इस दिन व्रत रखने और शनि पूजा करने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.जो लोग शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से परेशान हैं, उनके लिए यह दिन खास होता है. इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करें, गरीबों को दान दें, सरसों के तेल से शनि देव का अभिषेक करें और छाया दान करें. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है.

-भारत एक्सप्रेस 

Akansha

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