Bharat Express

पत्नी के गुस्सा होने पर क्यों डर जाते हैं पति, जानें कब और कैसे शुरू हुआ यह सिलसिला

पति से नाराज़ पत्नी की परंपरा आज की नहीं, बल्कि देवी सती के जमाने से चली आ रही है. जब उनके क्रोध से दश महाविद्याएं प्रकट हुईं और भगवान शिव भी क्षणभर को घबरा गए.

Goddess Sati story

पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर तकरार होना आम बात है. चाहे वो पति का देर से घर लौटना हो या किसी खास दिन को भूल जाना- पत्नी नाराज होती है और पति डरते हैं. यह सिलसिला आज का नहीं बल्कि सदियों पुराना है, जिसकी एक झलक हमें हिन्दू पुराणों में देखने को मिलती है. ऐसी ही एक प्रसिद्ध कथा देवी सती और भगवान शिव से जुड़ी है.

यह कथा देवी सती से शुरू होती है, जिन्होंने अपने पिता दक्ष प्रजापति की इच्छा के विरुद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह किया था. लेकिन दक्ष भगवान शिव को पसंद नहीं करते थे और हमेशा उन्हें अपमानित करने के अवसर खोजते रहते थे. एक बार दक्ष ने एक बड़ा यज्ञ आयोजित किया जिसमें सभी देवी-देवताओं और ऋषियों को आमंत्रित किया, लेकिन भगवान शिव और सती को नहीं बुलाया.

दस महाविद्याओं का प्रकट होना और शिवजी की घबराहट

जब यह बात सती को पता चली, तो उन्होंने यज्ञ में जाने की इच्छा जताई. भगवान शिव ने सती को कई बार समझाया कि बिना निमंत्रण के जाना उचित नहीं, लेकिन सती अपने पिता के यहां जाने की जिद पर अड़ गईं. उनका मानना था कि पिता के घर जाने के लिए आमंत्रण की जरूरत नहीं होती.

शिवजी के बार-बार मना करने पर देवी सती को इतना क्रोध आया कि वे आदिशक्ति रूप में प्रकट हो गईं. उन्होंने अपने क्रोध से दसों दिशाओं से दस शक्तियों को उत्पन्न किया, जिन्हें हम आज दश महाविद्याएं कहते हैं. इन शक्तियों ने चारों ओर से शिवजी को घेर लिया. स्थिति ऐसी बन गई कि शिवजी भी क्षणभर के लिए घबरा गए.

पतियों के डर की पौराणिक शुरुआत?

कहा जाता है कि यहीं से पति द्वारा पत्नी के क्रोध से डरने की परंपरा की शुरुआत मानी जाती है. आखिरकार शिवजी ने सती को यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी. यह कथा न केवल पौराणिक महत्व रखती है बल्कि आज के वैवाहिक रिश्तों की एक दिलचस्प झलक भी पेश करती है.



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read