Shani Pradosh Vrat 2023: शनिवार को शनि देव का दिन माना जाता है. ऐसे में यह शनिवार बेहद ही खास रहने वाला है. क्योंकि इस साल 2023 में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा. माना जाता है कि इस व्रत से शिवजी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की दरिद्रता को दूर करते हुए उसे आरोग्यता का वर देते हैं.
पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 मार्च को सुबह 10 बजकर 13 मिनट से शुरु हो जाएगी. वहीं यह 5 मार्च 2023 को दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. प्रदोष काल में पूजा को देखते हुए इसका व्रत 4 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 35 मिनट से शुरु होते हुए रात में 08 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
शिव जी की पूजा का है विधान
इस दिन मंदिर में जाकर शिव जी की पूजा का विशेष विधान है. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो प्रदोष व्रत के दिन सभी देवता और तमाम तरह की दूसरी शक्तियां अपना सूक्ष्म रूप धारण करते हुए शिवलिंग में समाहित हो जाती हैं. इसलिए इस दिन शिवलिंग का दर्शन मात्र ही जातक के समस्त पापों को नष्ट करने वाला है. शनि प्रदोष व्रत की महिमा का वर्णन पुराणों में भी मिलता है.
इस स्तोत्र का करें पाठ
इस दिन शिव जी की पूजा में शिव प्रदोष स्तोत्र का पाठ करने से जातक को विशेष लाभ मिलता है. इस स्त्रोत का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार यह जातक के सभी बुरे कर्मों का नाश करने वाला और जीवन में खुशहाली लाने वाला है. इसके पाठ को करने से पहले जातक को इसकी सही विधि को जानना भी जरूरी है. सच्चे मन से किए गए इसके पाठ का विशेष फल मिलता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने वालों पर भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है. इनके जीवन की राह में आने वाली हर बाधा से भगवान शंकर पार लगाते हैं.
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