Shardiya Navratri 2024 Day 4 Maa Kushmanda Puja: शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप को समर्पित है. इस साल शारदीय नवरात्रि में इस देव की पूजा रविवार, 6 अक्टूबर को यानी आज की जाएगी. मां दुर्गा के इस स्वरूप के बारे में कहा जाता है कि माता ने अपनी मुस्कान और अपनी उदर (पेट) से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था. मां कूष्मांडा की उपसना बिल्कुल शांत मन से करनी चाहिए. मां कूष्मांडा की पूजा से अजेय रहने का वरदान प्राप्त होता है.
पौराणिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा ने अपनी मंद मुस्कान से सृष्टि की रचना की थी. माता कूष्मांडा को समर्पित शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन का संबंध हरे रंग से है. माता कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं, जिनमें से सात में उन्होंने कमंडल, बाण, धनुष, कमल का फूल, अमृत का कलश, गदा और चक्र धारण किया हुआ है. देवी कूष्मांडा आठवें हाथ में जप माला है और वह सिंह पर सवार हैं.
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान इत्यादि से निवृत हो जाएं. इसके बाद सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थिति देवी की पूजा करें. इसके बाद माता कूष्मांडा की पूजा शुरू करें. पूजन के दौरान हाथ में फूल लेकर देवी की प्रणाम करें और उनका ध्यान करें. इसके अलावा मां कूष्मांडा के मंत्रों का जाप करें. इतना करने के बाद दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें. पूजन के अंत में घी और कपूर से माता की आरती करें और अनजानें हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें.
यह भी पढ़ें: मां दुर्गा को बेहद प्रिय हैं ये फूल, नवरात्रि में 9 दिन चढ़ाएंगे तो संवर जाएगी तकदीर
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा दिन कुंवरी कन्याओं को भी मालपुए खिलाने चाहिए. मान्यता है कि इस दिन मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग अर्पित करने हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं. चौथे दिन की पूजा के दौरान कुम्हड़े की बलि देकर माता को अर्पित करना चाहिए.
सुरासम्पूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च
दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
ऐं ह्री देव्यै नम:
कूष्मांडा जय जग सुखदानी
मुझ पर दया करो महारानी
पिगंला ज्वालामुखी निराली
शाकंबरी माँ भोली भाली
लाखों नाम निराले तेरे
भक्त कई मतवाले तेरे
भीमा पर्वत पर है डेरा
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा
सबकी सुनती हो जगदंबे
सुख पहुँचती हो मां अंबे
तेरे दर्शन का मैं प्यासा
पूर्ण कर दो मेरी आशा
मां के मन में ममता भारी
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी
तेरे दर पर किया है डेरा
दूर करो माँ संकट मेरा
मेरे कारज पूरे कर दो
मेरे तुम भंडारे भर दो
तेरा दास तुझे ही ध्याए
भक्त तेरे दर शीश झुकाए
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा के बाद उन्हें दही और हलवा का भोग लगाएं. इसके बाद माता को फल, सूखे मेवे और सुहाग की सामग्रियां अर्पित करें. ऐसा करने से मां कूष्मांडा प्रसन्न होंगी और अपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगी.
यह भी पढ़ें: शनिवार को दशहरा का संयोग शुभ या अशुभ? इस दिन भूलकर भी ना करें ये काम
भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा समाप्त की, जिसे कुवैत…
वाल्टर जे. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी 'सॉफ्ट पावर' से एक अधिक आक्रामक विदेश…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुंभ को हर बार के कुंभ…
ट्रांसफर आदेश में कहा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को स्थानांतरित किया…
लीडिंग कंसल्टिंग फर्म मेरसर (Mercer) द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी किए गए कॉस्ट ऑफ…