आस्था

कौन हैं भद्रा जिनका साया पड़ रहा है रक्षाबंधन पर ? जानिए भद्रा की उत्पत्ति और भद्रा काल से जुड़े इस रहस्य को

रक्षाबंधन को अब बस चंद दिन ही बाकि हैं. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इसकी तिथि और मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति देखी जा रही है. इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह है उसके अनुसार इस दिन भद्रा का साया होने की बात कही जा रही है. ऐसे में भद्रा को लेकर सबसे ज्‍यादा चर्चा हो रही है. शुभ मुहूर्त में हर काम को करने वाले भद्रा के नाम से ही डर जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये भद्रा कौन है ?

कौन है भद्रा

पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य नारायण और उनकी पत्‍नी छाया की कन्या व शनि देव की बहन है. कथा के अनुसार असुरों का वध करने के लिए भद्रा का जन्म हुआ था. वहीं उनके स्वभाव को लेकर कहा जाता है कि जन्म के बाद से ही वे उपद्रवी स्वभाव की थीं. उनका व्यक्तित्व दूसरों में भय पैदा करने वाला है. उनके शरीर का रंग काला, काफी बड़े-बड़े दांत और लंबे बाल हैं. वह देखने में बेहद ही डरावनी लगती है.

जन्‍म के साथ ही उपद्रव

कहा जाता है कि जन्म लेते ही भद्रा के उपद्रवी स्वभाव से सभी परेशान हो गए. मांगलिक कार्यों से लेकर पवित्र अनुष्ठानों के समय भद्रा का उपद्रव चालू हो जाता. सारा संसार उसकी हरकतों से पीड़ित रहने लगा. भद्रा के स्वभाव को लेकर उनके पिता सूर्यदेव चिंतित हो उठे. सभी प्रयास करने के बाद थक हार कर उन्होंने ब्रह्माजी से सलाह मांगी.

तब ब्रह्माजी ने कहा कि- ‘भद्रे! तुम बव, बालव, कौलव आदि करणों के अंत में निवास करो. तुम्हारे इन काल में जो कोई भी इंसान गृह प्रवेश और दूसरे अन्य मांगलिक कार्य करे तो तुम उसमें विघ्न डाल सकती हो. अपना अनादर होने पर तुम उसका कार्य बिगाड़ सकती हो.

इसके बाद से ही भद्रा अपने समय या काल में देव हो या दानव या फिर मानव ही क्यों न हो समस्त प्राणियों को कष्ट देने लगी. भद्रा के समय में इसी कारण किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.

इन समय पर भद्रा पहुंचाती है नुकसान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्रमा कुंभ,  कर्क, सिंह या मीन राशि में होती है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर रहता है. ऐसे में वह समस्त मनुष्यों को नुकसान पहुंचाती है. वहीं चंद्रमा के वृश्चिक, मेष, वृष या मिथुन राशि में होने पर भद्रा का वास स्वर्गलोक में होता है और उस समय वह देवताओँ के कार्यों में बाधा डालती है. इसके अलावा चंद्रमा के कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में होने पर भद्रा पाताल लोक में निवास करती है.

इसे भी पढें: Moon Black Spot: चंद्रमा पर नहीं था कोई दाग, इस वजह से लगा कलंक, जानें क्या है इस रहस्य से जुड़ी कथा

साल 2023 के रक्षाबंधन के दिन भद्रा

पंचांग के अनुसार इस साल 30 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन सुबह 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा का साया शुरु हो जाएगा जोकि रात में 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. इस कारण रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा के खत्म होने के बाद ही मनाया जाएगा.

Rohit Rai

Recent Posts

भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा का बड़ा बयान- मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे में पहले राष्ट्रगान हो

कांग्रेस ने गुरुवार को जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाते हुए…

4 mins ago

MahaKumbh 2025: महाकुंभ से पहले महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का होगा सौंदर्यीकरण, पार्क में लगेगी उनकी प्रतिमा

MahaKumbh 2025: प्रयागराज के महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य जारी है, जिसमें…

18 mins ago

अगले सीजन की शुरुआत में देश में 56 लाख टन चीनी का सरप्लस होगा, 20 लाख टन कर सकते हैं निर्यात

चीनी की कीमतें मिलों की उत्पादन लागत 41,000 रुपये प्रति टन से काफी नीचे आ…

20 mins ago

मध्य दिसंबर तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.45% बढ़कर 15.82 लाख करोड़ रुपये पहुंचा

इस साल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 16.45% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसमें व्यक्तिगत…

37 mins ago

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेशों ने 2024 में नया रिकॉर्ड स्थापित किया, देखिए आंकड़े

Indian Realty Institutional Investments: वर्ष 2024 में भारत का रियल एस्टेट सेक्‍टर अभूतपूर्व गति पकड़…

51 mins ago

2030 तक देश की GDP में 120 अरब डॉलर का योगदान दे सकते हैं Startups: Kalaari Capital

2023 में भारतीय स्टार्ट-अप्स ने देश की GDP में 35 अरब डॉलर का योगदान दिया…

54 mins ago