खेल

भारतीय हॉकी: जो कभी थी भारत की शान, अब अपना खोया हुआ गौरव वापस पाने के लिए कर रही है संघर्ष

अगर कोई एक खेल है जिसने भारत को ओलंपिक में सबसे अधिक सम्मान दिलाया है, तो वह है फील्ड हॉकी. ओलंपिक खेलों के इतिहास में भारत ने जो 12 पदक जीते हैं, उनमें से 8 पदक अकेले हॉकी में आए हैं. इस खेल में भारत की पकड़ इतनी मजबूत है कि एक समय में, भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम लगातार छह ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत चुकी है.

भारतीय हॉकी का स्वर्णिम काल

भारतीय हॉकी टीम ने 1928 के ओलिंपिक में अपना पदार्पण किया और अपने पहले प्रयास में ही ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत लिया. भारत ने पाँच मैच खेले, जिसमें 29 गोल किए और एक भी गोल नहीं खाया, जिसमें से 14 गोल अकेले ध्यानचंद ने किए. ध्यानचंद भारतीय हॉकी टीम की आधारशिला बन चुके थे, लोग उन्हें हॉकी का जादूगर कहने लगे. उन्होंने 1932 और 1936 में भारत को दो और स्वर्ण पदक जिताया, जिससे ओलंपिक में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी की. ध्यानचंद को 1936 में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान बनाया गया, जो ध्यानचंद के करियर का आखिरी ओलिंपिक था. 1928 से 1956 तक, भारतीय हॉकी टीम के लिए स्वर्णिम काल था. इस काल में भारतीय पुरुष टीम ओलंपिक में अपराजित रही, जिसने लगातार छह स्वर्ण पदक जीते. भारतीय टीम ने अब तक ओलंपिक में कुल आठ स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते हैं. भारत ने विश्व के कुछ सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी भी दिए हैं, जिनमें महान ध्यानचंद के अलावा बलबीर सिंह सीनियर और धनराज पिल्लई शामिल हैं.

भारतीय हॉकी का पतन

1960 के रोम ओलंपिक में पाकिस्तान ने भारतीय हॉकी टीम के स्वर्णिम अभियान को फाइनल में रोक दिया, भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. 1964 के टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एक बार फिर वापसी की और शीर्ष पर रहा. हालांकि, यह स्पष्ट था कि खेल में भारत का प्रभुत्व कम होता जा रहा था. तीन दशकों तक हॉकी के खेल में राज करने वाली महान भारतीय हॉकी टीम का पतन शुरू हो गया था. 1980 के दशक में खेल के नियमों में बदलाव किया गया और एस्ट्रोटर्फ को खेल में शामिल किया गया. भारत एस्ट्रोटर्फ पर खेलने में धीमा रहा, स्थानीय खिलाड़ी अभी भी अधिकतर प्राकृतिक घास के मैदानों पर ही खेलते रहे, जिसका अर्थ था कि भारतीय हॉकी टीमें वैश्विक प्रतियोगिताओं में पीछे रह गईं. 1980 से 2008 तक की अवधि में भारतीय हॉकी का सबसे खराब दौर देखा गया. 9 मार्च 2008 को ब्रिटेन से हारकर भारतीय पुरुष हॉकी टीम बीजिंग ओलंपिक प्रतियोगिता से बाहर हो गई. यह पहली बार था कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 1928 के बाद से ओलंपिक में भाग नहीं लिया.

हॉकी नहीं है भारत का राष्ट्रीय खेल

भारतीय हॉकी के गौरवशाली इतिहास के कारण ऐसा माना जाता था कि फील्ड हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, लेकिन वर्ष 2020 में खेल मंत्रालय ने इस दावे को गलत बताया और पुष्टि की कि उसने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है. 2020 में, महाराष्ट्र राज्य के धूले जिले के एक स्कूल शिक्षक ने सरकार के पास RTI दायर कर यह जानना चाहा कि हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल कब घोषित किया गया था. खेल मंत्रालय ने इस RTI के जवाब में कहा, “सरकार ने किसी भी खेल को देश का राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है, क्योंकि सरकार का उद्देश्य सभी लोकप्रिय खेल विधाओं को प्रोत्साहित करना है.”

ओडिशा सरकार की भूमिका

ओडिशा राज्य सरकार लम्बे समय से भारत की राष्ट्रीय फील्ड हॉकी टीम का समर्थन कर रही है. ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनाइक ने इस खेल को पुनः जीवित करने का भरपूर प्रयास किया. उन्होंने ओडिशा में कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बनवाये, भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों को स्पोंसर किया. जुलाई 2018 में, नवीन पटनाइक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर उनसे फील्ड हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल घोषित करने का आग्रह किया. ओडिशा सरकार और भारतीय हॉकी संघ के प्रयासों का असर दिख रहा है. 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता और एशियाई खेलों में 9 साल बाद गोल्ड मेडल जीता जो भारतीय हॉकी के पुनर्जन्म का जीता जागता सबूत है. पिछले कुछ वर्षों से भारतीय हॉकी टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है जिससे इस बार पेरिस ओलिंपिक में भी भारतीय टीम से कांस्य पदक को स्वर्ण में बदलने की उम्मीद होगी.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

Recent Posts

महाराष्ट्र में NCP नेता की मांग, 122 केंद्रों पर दोबारा मतदान कराया जाए

Maharashtra Assembly Elections 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) प्रत्याशी राजेसाहेब देशमुख ने कहा कि…

1 hour ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने AIMIM की मान्यता रद्द करने की याचिका को किया खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने असद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम को राहत देते हुए उसकी निवार्चन…

11 hours ago

PM Modi ने गुयाना में Mahatma Gandhi को दी श्रद्धांजलि, 21वां अवसर जब परदेश में राष्ट्रपिता को नमन किया

PM Modi Pays Tribute to Gandhi Ji: प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना की दो दिवसीय यात्रा…

11 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA और MCD को राजधानी में सीमा निर्धारण और सर्वेक्षण के दिए निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) एवं दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को निर्देश दिया…

12 hours ago

टेरर फंडिंग मामले में राशिद इंजीनियर के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट में होगी सुनवाई

आतंकवाद-वित्तपोषण से संबंधित मुकदमे का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर से लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद…

12 hours ago