यूटिलिटी

EPFO ने कंपनियों के लिए नियमों में किया बड़ा बदलाव, अब एम्प्लॉयर को कम देना होगा जुर्माना, जानिए किसपर होगा असर

EPFO Rule Changes: EPFO ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए नियमों में कुछ बदलाव किया है. नियमों में ताजा बदलाव से जहां कर्मचारियों को झटका लगा है तो वहीं नियोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. EPFO ने अपने कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड, पेंशन और इंश्योरेंस कंट्रीब्यूशन डिपॉजिट करने में चूक करने या देरी करने वाले एम्प्लॉयर्स पर पैनल चार्ज को कम कर दिया है. पहले एम्प्लॉयर्स पर यह चार्ज सबसे अधिक 25% था. लेकिन अब कम करके प्रति माह 1 फीसदी या 12 फीसदी सालाना कर दिया गया है. EPFO की ओर से यह एम्प्लॉयर्स के लिए बड़ी राहत है.

श्रम मंत्रालय ने बदलावों को किया नोटिफाई

EPFO के द्वारा नियोक्ताओं के लिए जिन नियमों में बदलाव किया गया है वे कर्मचारियों के PF, इंश्योरेंस, पेंशन आदि मदों में योगदान में डिफॉल्ट करने से जुड़े हैं. नियमों में इन बदलाव की जानकारी श्रम मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दी है. नोटिफिकेशन के अनुसार, अब अगर कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए पीएफ, पेंशन या बीमा में योगदान करने में डिफॉल्ट करते हैं तो उनके ऊपर कम पेनल्टी लगेगी.

अब कम देना होगा जुर्माना

श्रम मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, ईपीएफओ की तीन स्कीम एम्पलॉइज पेंशन स्कीम (EPS),  एम्प्लॉईज प्रोविडेंट फंड स्कीम (EPF) और एम्प्लॉईज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) में कर्मचारियों के लिए योगदान करने में अगर कंपनियां डिफॉल्ट करती हैं, तो अब उनके ऊपर बकाए के 1 फीसदी के बराबर मासिक या 12 फीसदी के बराबर सालाना पेनल्टी लगेगी. अभी तक इन तीनों स्कीम में डिफॉल्ट करने पर कंपनियों के ऊपर 25 फीसदी सालाना तक पेनल्टी लगाई जाती थी. लेकिन अब नए जुर्माने का नियम नोटिफिकेशन के डेट से लागू होगा.

ये भी पढ़ें:Post Office की धांसू स्कीम, मिलेगा तगड़ा ब्याज, जबरदस्त होगा मुनाफा, जानें कैसे बनेंगे करोड़पति

15 जून से लागू हो गए नए नियम

श्रम मंत्रालय ने कहा कि नियमों में किए गए ये बदलाव नोटिफिकेशन जारी करने की तारीख से लागू हो गए हैं. इसका मतलब हुआ कि कंपनियों के ऊपर डिफॉल्ट करने पर कम पेनाल्टी के नियम शनिवार यानी 15 जून से लागू हो गए हैं. नियमों में बदलाव से उन कंपनियों को खास तौर पर फायदा होने वाला है, जिनके डिफॉल्ट की अवधि लंबी हो रही थी.

किस पर होगा असर

इस नियम के मुताबिक, अब एम्प्लॉयर को कम जुर्माना देना होगा. साथ ही 2 महीने या 4 महीने की चूक पर जुर्माने की राशि हर महीने 1 फीसदी के हिसाब से ही देना होगा. इसका मतलब है कि नियोक्ता के लिए जुर्माने की राशि के करीब दोगुनी से ज्यादा कमी आई है. बता दें कि नियम में नियोक्ता के लिए हर माह की 15 तारीख को या उससे पहले पिछले माह का रिटर्न EPFO के पास दाखिल करना अनिवार्य है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो इसके बाद किसी भी तरह की देरी को डिफॉल्ट माना जाएगा और जुर्माना लागू होगा.

-भारत एक्सप्रेस 

Akansha

Recent Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

10 minutes ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

44 minutes ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

48 minutes ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

3 hours ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

3 hours ago