विशेष

जानें कौन थे स्वतंत्रता संग्राम के जनक और क्यों चला था राजद्रोह का मुकदमा? लोकप्रिय थे उनको ये दो अखबार

Bal Gangadhar Tilak: अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने के लिए न जाने कितने ही वीर सपूतों ने अपने प्राणों को न्योछावर किया है. तब जाकर कहीं आज हम आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं. भारतीय इतिहास के पन्नों को जब हम पलटते हैं तब स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथाएं देखने को मिलती हैं और इसमें सबसे अधिक चर्चा बाल गंगाधार तिलक की होती है. उनको स्वतंत्रता संग्राम का जनक माना जाता है. गुरुवार यानी आज उनकी पुण्यतिथि है. इस मौके पर आइए जानते हैं, उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें-

जानें कब शुरू हुआ बाल गंगाधर के जीवन में संघर्ष

16 साल की उम्र में बाल गंगाधर तिलक के माता-पिता का देहांत हुआ और इसी के बाद से उनके जीवन का संघर्ष शुरू हुआ. बाल गंगाधर तिलक का विवाह सत्यभामा नाम की लड़की से साल 1871 में हुआ था. मालूम हो कि बाल गंगाधर तिलक का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी में 13 जुलाई 1856 को हुआ. उनके पिता का नाम गंगाधर रामचंद्र तिलक था. पिता संस्कृत विषय के प्रख्यात विद्वान थे. माता का नाम पार्वती बाई गंगाधर तिलक था. बाल गंगाधर तिलक ने पुणे के डेक्कन कॉलेज से संस्कृत और मैथ्स में डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने मुंबई के कॉलेज से एलएलबी पास की.

ये भी पढ़ें-जानें कहां से आया हिजाब शब्द और इस्लाम में क्या हैं इसके मायने?

इस वजह से छोड़ दिया था स्कूल में पढ़ाना

बाल गंगाधार तिलक अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद पुणे के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने लगे थे. वह स्कूल में मैथ्स और अंग्रेजी पढ़ाते थे. हालांकि, उनके पढ़ाने के स्टाइल से अन्य शिक्षकों के साथ विवाद हुआ तो उन्होंने आगे स्कूल में पढ़ाना छोड़ दिया. स्कूल में भारतीय छात्रों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर वह विरोध करते थे.

शिक्षा स्तर सुधारने का किया प्रण

इतिहासकार बताते हैं कि जब तिलक स्कूल से निकले तो उन्होंने ठान लिया था कि शिक्षा के स्तर को सुधारना है. इसलिए उन्होंने दक्कन शिक्षा सोसायटी की स्थापना की. उन्होंने दो समाचार पत्रों, जैसे मराठा दर्पण और केसरी नाम से दो अखबार निकाले. उन्होंने ब्रिटिश सरकार से पूर्ण स्वराज देने की मांग की. इस मुद्दे को अपने अखबार में कई बार प्रकाशित किया. उनका अखबार काफी लोकप्रिय था लेकिन, इसी कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. वह लोगों के बीच काफी चर्चित होते जा रहे थे जिससे अंग्रेजों के डर सताने लगा था.

इसलिए चलाया गया था राजद्रोह का मुकदमा

1896-97 के बीच महाराष्ट्र में प्लेग महामारी फैली और इससे निपटने के लिए महामारी अधिनियम 1897 के प्रावधानों के खिलाफ तिलक ने लेख लिखा था. इसी के बाद उनके ऊपर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया था. बता दें कि इस लेख में उन्होंने कमिश्नर वाल्टर चार्ल्स रैंड पर हमला बोला था और उनके लेख का असर ये हुआ था कि दो युवाओं चापेकर बंधुओं ने रैंड की हत्या कर दी थी. इस पर ब्रिटिश सरकार ने तिलक को हत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था.

इस तरह मिली लोकमान्य की उपाधि

इस मामले की सुनवाई और सजा से उन्हें ‘लोकमान्य’ (जनता का प्रिय नेता) की उपाधि मिली. इस मामले में तिलक को 18 महीने जेल की सजा सुनाई गई, जहां उन्होंने पहली बार स्वराज के अपने विचारों को विकसित किया. गरम दल के ये नेता दिन 1 अगस्त 1920 को दुनिया से विदा हो गए. इनके अंतिम संस्कार में लाखों की तादाद में लोग जुटे जिनमें महात्मा गांधी भी शामिल हुए थे.

क्रांतिकारियों के पक्ष में लेख लिखने पर हो गए थे गिरफ्तार

इतिहासकार बताते हैं कि 30 अप्रैल 1908 को खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चंद चाकी ने जज किंग्सफोर्ड को अपना निशाना बनाते हुए एक बम विस्फोट किया था. इसमें दो ब्रिटिश महिलाओं की मौत हो गई थी. अग्रेंजों ने खुदीराम बोस को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया था. इस गिरफ्तारी के बाद बाल गंगाधर तिलक की जिंदगी बदल गई थी क्योंकि उन्होंने दोनों क्रांतिकारियों के पक्ष में अपने अखबार ‘केसरी’ में एक लेख प्रकाशित किया था. उनके इस लेख ने अंग्रेजों को इस तरह से परेशान कर दिया था कि 3 जुलाई 1908 को उनको गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 6 साल की सजा दी गई थी. उन्हें बर्मा के मंडले जेल में रखा गया था. यहां पर उन्होंने 400 पन्‍नों की किताब ‘गीता रहस्य’ लिखा था.

महात्मा गांधी ने तिलक के लिए कही थी ये बात

बता दें कि तिलक के निधन पर महात्मा गांधी ने श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा था. वह भारतीय इतिहास, संस्कृत, गणित जैसे विषयों के प्रख्यात चिंतक थे. उन्होंने 1916 में ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा.’ का नारा दिया था.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

राजस्थान: अंतिम संस्कार के दौरान जिंदा हो गया मृत घोषित व्यक्ति; 3 डॉक्टर निलंबित

Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है, जिसमें एक…

59 minutes ago

छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, 10 नक्सली ढेर, हथियारों का जखीरा बरामद

छत्तीसगढ़ के सुकमा और अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन चलाकर 10 नक्सलियों…

1 hour ago

सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर CBI और ED को जारी किया नोटिस, 2 सप्ताह में मांगा जवाब

सिसोदिया ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत की शर्तों में ढील…

2 hours ago

भारत की फटकार के बाद पलटा कनाडा, कहा- पीएम मोदी, एस जयशंकर और NSA के खिलाफ कोई सबूत नहीं

India Canada Relation: कनाडा की सरकार खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले को लेकर…

2 hours ago

‘बहुत खराब’ श्रेणी में दिल्ली की वायु गुणवत्ता, 371 रहा औसत AQI

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कई दिनों तक 'गंभीर' और 'गंभीर प्लस' श्रेणी में रहने के…

2 hours ago

BGT Perth Test: भारत की पहली पारी 150 रन पर सिमटी, नीतीश रेड्डी ने बनाए सर्वाधिक 41 रन

Border Gavaskar Trophy: भारत ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए शुरुआत…

2 hours ago