खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू.
US Canada Vs India: खालिस्तानी अलगाववादियों को पनाह देने के कारण कनाडा की ट्रडो सरकार का भारत से तनाव है. कनाडा ने अपने यहां रह रहे एक आतंकवादी निज्जर की हत्या करने के आरोप भारत पर लगाए हैं. इसके अलावा कनाडा का कहना है कि भारतीय एजेंट वहां रह रहे सिख नेताओं को निशाना बना रहे हैं.
कनाडा के आरोपों पर अमेरिका भी उसकी तरफदारी कर रहा है. अभी अमेरिकी अभियोजकों ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की नाकाम साजिश में रॉ के पूर्व सीनियर फील्ड अधिकारी विकास यादव के खिलाफ आरोप लगाए हैं.
अमेरिका में अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा, “हमारा जस्टिस डिपार्टमेंट अमेरिकियों को निशाना बनाने, उन्हें खतरे में डालने, प्रत्येक अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा.”
मेरिक गारलैंड ने विकास यादव को ‘एक भारतीय सरकारी कर्मचारी’ बताते हुए कहा, “जस्टिस डिपार्टमेंट ऐसे किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने की पूरी कोशिश करेगा जो अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने और चुप कराने की कोशिश करता है, चाहे वह किसी भी सत्ता के कितना भी करीब क्यों न हो.”
यादव और उनके कथित सह-साजिशकर्ता निखिल गुप्ता के खिलाफ दायर आरोपों को गुरुवार को न्यूयॉर्क के संघीय दक्षिणी जिले की अदालत में उजागर किया गया.
आरोप एक ग्रैंड जूरी की तरफ से तय किए गए, जो नागरिकों का एक पैनल है. यह पैनल अभियोजन पक्ष द्वारा मामले की शुरुआती प्रेजेंटेशन के बाद यह फैसला लेता है कि पहली नजर में मामला बनता है या नहीं.
यादव पर गुप्ता के साथ तीन आरोप लगाए गए हैं. इनमें एक हत्यारे को किराए पर लेने की साजिश, ‘मर्डर फॉर हायर’ की साजिश, और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं.
अमेरिकी अभियोजन पक्ष की ओर से दायर आरोप-पत्र में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडा स्थित सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या काहवाला दिया गया, जिसके कारण भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर गिरावट आई.
आरोप पत्र के मुताबिक, यादव ने गुप्ता से कहा कि ‘निज्जर भी टारगेट था’ और ‘हमारे कई टारगेट हैं’, उसे निज्जर के शव का एक वीडियो भेजा. ऐसा लगता कि अमेरिकी अधिकारियों ने यादव और गुप्ता के बीच इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट कर लिया था या उस तक उनकी पहुंच थी, यहां तक कि एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर भी, क्योंकि अदालत के डॉक्यूमेंट्स में उनके विस्तृत उद्धरण शामिल हैं. अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों में सैन्य वर्दी पहने यादव की एक तस्वीर भी शामिल है.
डॉक्यूमेंट में किसी अन्य भारतीय अधिकारी का नाम नहीं
अभियोजकों द्वारा दायर 18-पेजों के डॉक्यूमेंट में किसी अन्य भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है. न ही इसमें अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम है, जो कथित तौर पर कथित साजिश का लक्ष्य था.
इसमें केवल इतना कहा गया कि ‘पीड़ित’ ‘एक वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता है जो न्यूयॉर्क शहर में रहने वाला भारतीय मूल का अमेरिकी नागरिक है’ और खालिस्तान की स्थापना के लिए ‘पंजाब के अलगाव की वकालत करने वाले एक अमेरिकी-बेस्ड संगठन’ का नेतृत्व करता है. इसमें कहा गया कि भारत सरकार ने ‘पीड़ित’ और उसके अलगाववादी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है.
– भारत एक्सप्रेस
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