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Bangladesh Protests: बांग्लादेश में हिंसा – 100 से ज्‍यादा मौतें, पीएम हसीना बोलीं- मैं इस्‍तीफा क्‍यों दूं, जो तोड़फोड़ कर रहे वो अपराधी हैं

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में अब एक बार फिर हिंसक घटनाओं ने कोहराम मचा दिया है. वहां मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और देश के विभिन्न हिस्सों में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भीषण झड़पें हुई हैं. इन घटनाओं में 100 से ज्‍यादा लोग मारे गए हैं. सरकार ने सड़कों पर प्रदर्शन व ‘तोड़फोड़’ कर रहे लोगों को काबू करने के लिए सेना और पुलिस को उतारा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को बांग्लादेश की यात्रा करने से बचने की सलाह दी है. इसके अलावा बांग्लादेश में पढ़ाई करने वाले भारतीय स्टूडेंट्स को वापस ​लाने का अभियान भी अंतिम चरणों में है.

आज राजधानी ढाका तक मार्च का आह्वान

इस बीच प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे कुछ समूहों के नेताओं ने आम जनता से 5 अगस्त को “ढाका तक लंबे मार्च” में शामिल होने के लिए कहा है. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करने तथा 5 अगस्त को ढाका तक मार्च करने के आह्वान के बाद सरकार ने आज इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है. सेना ने पहले ही कर्फ्यू लगा दिया है तथा सूचना के प्रसार को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अनिश्चित काल के लिए काट दिए गए हैं.

पुलिस ने ढाका में ऐतिहासिक शहीद मीनार पर एकत्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा— ‘जो सड़कों पर उत्पात मचा रहे हैं, तोड़-फोड़ कर रहे हैं वे स्टूडेंट्स नहीं हैं, वे अपराधी हैं. मेरे इस्तीफे की मांग गलत है. हम जनता की सेवा के लिए फैसले लेते हैं.’

बंगाली दैनिक प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी पुलिस ने सुबह 10 बजे के आस-पास ढाका में शहीद मीनार (एक राष्ट्रीय स्मारक) पर एकत्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले तथा ग्रेनेड दागे. ढाका के जत्राबारी थाना क्षेत्र में भी लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए तथा उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया.

ढाका में पुलिस, सरकार समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में घायल अधिकारी को ले जाती पुलिस.

14 पुलिस अधिकारियों समेत 101 लोगों की मौत

न्‍यूज एजेंसी IANS ने बताया कि बांग्लादेश में आरक्षण सुधार की मांग से शुरू हुआ आंदोलन सरकार बदलने के आंदोलन में तब्‍दील हो गया है. वहां फैली हिंसा में कम से कम 14 पुलिस अधिकारियों सहित 100 से ज्‍यादा लोगों की जान चली गई है. आज का दिन और अधिक तनावपूर्ण होने के आसार हैं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने आम जनता से 5 अगस्त को “ढाका तक लंबे मार्च” में शामिल होने के लिए कहा है.

प्रदर्शन के दौरान स्टूडेंट्स. पोस्टर पर लिखा- सॉरी फॉर लीविंग आल ऑफ़ यू इन बांग्लादेश

राजधानी ढाका और आस-पास के इलाको में कर्फ्यू

बांग्लादेश की सेना ने घोषणा की कि अनिश्चित काल के लिए नया कर्फ्यू लागू किया गया है, जिसमें राजधानी ढाका और अन्य संभागीय और जिला मुख्यालय शामिल हैं. सरकार ने पहले ढाका और अन्य जगहों पर कुछ अपवादों के साथ कर्फ्यू लगाया था.

प्रदर्शनकारियों द्वारा ढाका तक लंबा मार्च निकालने के ऐलान के बाद इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया.

जुलाई से अब तक 300 लोगों ने जान गंवाई

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में जुलाई से अब तक सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की कुल संख्या 300 हो गई है. पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों द्वारा दिए गए आंकड़ों पर आधारित एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि 4 अगस्त तक बांग्लादेश में मरने वालों की कुल संख्या 300 है. इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत के बाद से 4 अगस्त को सबसे घातक हमला हुआ, जिसमें विभिन्न स्थलों पर लगभग 94 लोग मारे गए.

बांग्लादेश में आए-साल ऐसी हिंसक घटनाएं होती हैं, जिसमें हमलावर सामूहिक तौर पर उत्पात मचाते हैं.

भारतीयों के लिए एडवाइजरी- बांग्लादेश न जाएं

बांग्लादेश में हिंसक घटनाएं सामने आने पर भारत सरकार ने अपने नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा न करने की सलाह दी है. साथ ही वहां रह रहे भारतीय स्‍टूडेंट्स को निकालने का अभियान भी चल रहा है; अब तक सैकड़ों स्‍टूडेंट्स की सुरक्षित वापसी करा ली गई है.

यह भी पढ़िए: बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान हिंसा, 97 लोगों की मौत, देश भर में कर्फ्यू; इटरनेट सेवा बंद

– भारत एक्‍सप्रेस

Vijay Ram

वेब जर्नलिज्म में रचे-रमे. इनका हिंदी न्यूज वेबसाइट के क्रिएटिव प्रजेंटेशन पर फोकस रहा है. 2014 में राजस्थान पत्रिका-जयपुर से बतौर प्रशिक्षु शुरूआत हुई. उसके बाद 7-8 शहरों से होते हुए वनइंडिया हिंदी, एबीपी न्यूज समेत कई पोर्टल पर कार्य किया. जुलाई 2023 से भारत एक्सप्रेस में सेवाएं दीं. पत्रकारिता में बचपन से दिलचस्पी रही, अत: सन् 2000 तक के अखबारों, साप्ताहिक-मासिक पत्रिकाओं को संग्रहित किया. दो दशक से सनातन धर्म के पुराणों, महाभारत-रामायण महाकाव्यों (हिंदी संकलन) में भी अध्ययनरत हैं. धर्म-अध्यात्म, वायरल-ट्रेंडिंग, देश-विदेश, सैन्य-रणनीति और राजनीति की खबरों में रुचि है.

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