बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़क पर उतरे. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच भी हिंसक झड़प हुई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रविवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान 97 लोगों को मौत हो गई. इसके अलावा 500 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं.
पूरे देश में कर्फ्यू, इंटरनेट पर भी बैन
बांग्लादेश सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए देश भर में लिए कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही इंटरनेट पर भी पूरी तरह से बैन है. रविवार (4 अगस्त 2024) को हुई हिंसा के बाद बांग्लादेश सरकार ने अगले तीन दिनों के लिए छुट्टी की घोषणा कर है. इतना ही नहीं, देश भर के सभी आदालतों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि बंदी के दौरान बहुत जरूरी मामलों की सुनवाई की जाएगी.
बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी शेख हसीना सरकार से मांग कर रहे हैं कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सरकारी नौकरी में दिया जाने वाला 30 फीसदी आरक्षण के कोटे को समाप्त किया जाए. देश में पहले जब हिंसा भड़की थी तो कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था. लेकिन, प्रदर्शन नहीं थमा और अब प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि तीन सप्ताह के भीतर बांग्लादेश में अरक्षण के विरोध में हुए प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या 300 के पार चली गई है. पिछले महीने हुए हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए थे.
-भारत एक्सप्रेस