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Internship के दौरान हुई कर्मचारी की मौत, चीनी कंपनी ने पहले पहचानने से किया इनकार, फिर जान की कीमत लगाई महज इतने रुपये

China News: चीन एक ऐसा मुल्क है कि जहां तानाशाही है. आए दिन लोगों पर अत्याचारों की खबरें सामने आती रही हैं. कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ है. आज कल के वर्क प्रेशर के बीच चीन अपनी तानाशाही को और पुख्ता करता जा रहा है, जिसके चलते लोगों के लिए चीन में लोगों में अलग स्तर का तनाव रहता है. कुछ ऐसा ही एक गेंमिंग कंपनी के कर्मचारी के साथ भी हुआ. इस युवा कर्मचारी पर काम का प्रेशर था. काम करने के दौरान ही उस युवा कर्मचारी की मौत हो गई. इसके बाद चीनी कंपनी का क्रूर रवैया सामने आया.

दरअसल, युवा कर्मचारी की मौत को लेकर उसके परिजनों ने कंपनी से मुआवजे की मांग की, जिसके बाद टीम का आलोचनात्मक रवैया सामने आया. कंपनी ने अपने इंटर्न को पहचानने तक का इनकार कर दिया. इस कंपनी के नाम की बात करें तो ये ज्हेन्गजोऊ है. जानकारी के मुताबिक युवा नाइट शिफ्ट में इंटर्न था.

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महीने भर पहले जॉइन की थी कंपनी

इसको लेकर जब विवाद बढ़ा तो कंपनी को और ज्यादा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. कंपनी ने जब परिजनों को मुआवजा देने के मामले में रजामंदी दी तो युवा कर्मचारी की जान की कीमत महज 700 डॉलर यानी करीब 58 हजार रुपये लगाए थे. इसके चलते कंपनी की संवेदनहीनता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

कंपनी ने पहले कहा कि उसे पता ही नहीं था कि कोई इंटर्न रात में काम भी कर रहा है. सोशल मीडिया पर Zhengzhou के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखने को मिला. मृतक 6 महीने की इंटर्नशिप के लिए आया था , उसे हर महीने 35 हजार रुपये दिए जाने थे और उसने एक महीने पहले ही कंपनी जॉइन की थी.

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जान की कीमत महज 58 हजार रुपये

पीड़ित का नाम ली हाओ है. मृतक के पिता ने जानकारी दी कि उसके बेटे के कंपनी में शामिल होने के बाद उन्हें उसकी मौत की खबर मिली, जिसमें कहा गया कि बेटे की नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई है. उनके पिता ने कहा कि उनके बेटे को 10 नवंबर को शाम 5 बजे दिक्कत होने लगी. वह उस समय भी सो रहा था, लेकिन उसके रूममेट ने देखा कि वह तेजी से सांस ले रहा था. पहले मुआवजा नहीं दिया गया और फिर मुश्किल से सहमति बनी तो महज 58 रुपये का हीमुआवजा मिला.

-भारत एक्सप्रेस

कृष्णा बाजपेई

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