पाकिस्तान में बुधवार को बिजली गिरने और भारी बारिश के कारण 14 लोगों की मौत हो गई, जिससे चार दिनों के मरने वालों की संख्या बढ़कर कम से कम 63 हो गई है.
सबसे ज्यादा मौतें पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुईं. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता खुर्शीद अनवर ने कहा, इमारतों के गिरने से 32 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 15 बच्चे और पांच महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा दर्जनों लोग घायल भी हुए और लगभग 1,370 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, पंजाब के पूर्वी प्रांत में बिजली गिरने और ढहने से संबंधित 21 मौतों की सूचना है, जबकि देश के दक्षिण-पश्चिम में बलूचिस्तान में 10 लोगों की मौत की सूचना है, क्योंकि अधिकारियों ने अचानक आई बाढ़ के बाद आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है. बुधवार को बलूचिस्तान में चल रहे बचाव और राहत कार्यों के बीच और अधिक बारिश होने की आशंका थी.
पाकिस्तान मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी जहीर अहमद बाबर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अप्रैल में पाकिस्तान में भारी बारिश हो रही है.
बाबर ने बताया, ‘बलूचिस्तान में अब तक सामान्य से 256 फीसदी अधिक बारिश हुई है. कुल मिलाकर पूरे पाकिस्तान में इस महीने सामान्य से 61 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और यह दर्शाता है कि हमारे देश में जलवायु परिवर्तन पहले ही हो चुका है.’
इससे पहले साल 2022 में भी भारी बारिश से पाकिस्तान के एक तिहाई हिस्से में बाढ़ आ गई थी, जिससे 1,739 लोग मारे गए थे. बाढ़ से 30 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान भी हुआ, जिससे उबरने के लिए पाकिस्तान अभी भी कोशिश कर रहा है.
पड़ोसी अफगानिस्तान में भी इस महीने भारी बारिश हुई. वहां बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है.
-भारत एक्सप्रेस
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