भारतीय दूतावास और इसके तहत काम करने वाले भारतीय समुदाय के संगठन इंडियन कम्युनिटी बेनेवोलेंट फोरम (ICBF) ने प्रतिबंधित नशीले पदार्थों और प्रतिबंधित साइकोएक्टिव और साइकोट्रोपिक के आयात से संबंधित जिसमें कतर के नियमों और विनियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 10 सितंबर को एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया. इस सेमिनार में दोहा के साथ-साथ भारतीय समुदाय के सदस्यों, नेताओं, मीडियाकर्मियों और अन्य लोग शामिल हुए.
सेमिनार को कतर में भारत के राजदूत विपुल, फर्स्ट सेक्रेटरी ईश सिंघल और आईसीबीएफ के अध्यक्ष शानवास बावा ने संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान राजदूत विपुल ने देश में प्रतिबंधित और अन्य दवाओं को लाने और मादक पदार्थों को लाने पर प्रतिबंध के लिए कतर के नियमों पर प्रकाश डाला. उन्होंने भारतीयों से देश की यात्रा करते समय उचित सावधानी बरतने और कतर के कानूनों का पालन करने का आग्रह किया.
वहीं ईश सिंघल ने कुछ केस स्टडी का जिक्र किया. जिसमें भारतीयों को नशीले पदार्थ या प्रतिबंधित दवाएं ले जाने के लिए जेल की सजा मिली है. कुछ मामलों में, सजा पाने वालों ने दावा किया कि जब वे कतर जा रहे थे तो एजेंटों ने उन्हें एक पैकेट सौंपा था और जब वे कतर पहुंचे तो उस पैकेट में प्रतिबंधित वस्तुएं पाई गईं.
आईसीबीएफ अध्यक्ष ने भी इस मुद्दे पर बात की और भारत सहित नागरिक समाज संगठनों से कतर में नशीली दवाओं और प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन या तस्करी पर सख्त कानूनों के बारे में जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया. उन्होंने भारतीय दूतावास और आईसीबीएफ द्वारा भारतीय कैदियों को कानूनी परामर्श और आपात स्थिति में वित्तीय सहायता जैसी मदद को भी रेखांकित किया.
-भारत एक्सप्रेस
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