पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी लाल घेरे में.
Pahalgam Terror Attack: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस हमले में अब तक 28 लोगों की जान चली गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज जारी है. यह हमला बेहद सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया.
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद (Saifullah Kasuri) है, जो लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ भी है. उसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है.
सैफुल्लाह खालिद भारत विरोधी गतिविधियों में लंबे समय से शामिल रहा है. वह आतंक के आका हाफिज सईद का करीबी बताया जाता है. वह हमेशा लग्जरी गाड़ियों में चलता है और उसके चारों ओर लश्कर के आतंकी अत्याधुनिक हथियारों के साथ सुरक्षा में रहते हैं. पाकिस्तान में उसकी इतनी पहुंच है कि वहां के सेना अधिकारी भी उसके ऊपर फूल बरसाते हैं.
दो महीने पहले ही सैफुल्लाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कंगनपुर पहुंचा था. वहां पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी बटालियन तैनात है. वहीं, कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसे बुलाकर जिहादी भाषण दिलवाया. सैफुल्लाह ने पाक सेना को भारत के खिलाफ भड़काया और कहा कि जो सैनिक भारतियों को मारेंगे, उन्हें अल्लाह की तरफ से इनाम मिलेगा.
इसी तरह का एक और भाषण उसने खैबर पख्तूनख्वा में एक सभा के दौरान दिया. उसने कहा, “मैं वादा करता हूं कि 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर को आज़ाद कराने की पूरी कोशिश करेंगे.” इस सभा का आयोजन आईएसआई और पाक सेना द्वारा किया गया था, जहां सैकड़ों हथियारबंद आतंकी मौजूद थे.
इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एबटाबाद के जंगलों में एक आतंकी ट्रेनिंग कैंप आयोजित हुआ था. इसमें सैकड़ों पाकिस्तानी युवक शामिल हुए थे. इस कैंप का आयोजन लश्कर के राजनीतिक विंग पीएमएमएल और एसएमएल ने किया था. इसमें सैफुल्लाह खालिद ने युवाओं को भारत के खिलाफ उकसाया और उनमें से कई को टारगेट किलिंग के लिए चुना गया.
ट्रेनिंग के बाद, पाकिस्तानी सेना की मदद से इन आतंकियों को भारत में घुसपैठ करवाने की भी जानकारी मिली है. 5 अगस्त 2019 को जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाया गया, उसके बाद से ही पाकिस्तान ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नाम से नए आतंकी संगठन को सक्रिय किया.
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, टीआरएफ वास्तव में लश्कर-ए-तैयबा का ही एक चेहरा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए बनाया गया है. इस संगठन के ‘हिट स्क्वॉड’ और ‘फाल्कन स्क्वॉड’ को खासतौर पर टारगेट किलिंग और पहाड़ी इलाकों में छिपने की ट्रेनिंग दी जाती है. आने वाले समय में यह मॉड्यूल कश्मीर के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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