मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भारत का आधिकारिक दौरा सफलतापूर्वक संपन्न किया. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक और रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करना था. दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें और समझौतों पर चर्चा हुई, जो भारत और मालदीव के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में अहम साबित हुई.
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने अपने समकक्ष, भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहराई देने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा हुई. बातचीत में हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचा विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्राथमिकता दी गई.
डॉ. जयशंकर ने कहा, “मालदीव हमारे लिए सिर्फ एक पड़ोसी नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है. दोनों देशों के संबंधों की जड़ें साझा संस्कृति और ऐतिहासिक परंपराओं में गहराई तक हैं.”
हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के बीच समुद्री सुरक्षा पर विशेष चर्चा हुई. दोनों देशों ने समुद्री सीमा में सुरक्षा सुनिश्चित करने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए संयुक्त अभ्यास और सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. इस संदर्भ में भारत ने मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने का वादा किया.
अब्दुल्ला शाहिद ने भारत की ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region) नीति की सराहना करते हुए इसे क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए आवश्यक बताया.
मालदीव में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं को गति देने पर भी सहमति बनी. भारत ने मालदीव में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में चल रहे अपने प्रयासों को और सशक्त करने का आश्वासन दिया. इनमें ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, अस्पताल निर्माण, और जल प्रबंधन परियोजनाएं शामिल हैं.
भारत और मालदीव के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं पर चर्चा हुई. मालदीव भारतीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है, और इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इस क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने के उपायों पर सहमति व्यक्त की.
जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक होने के नाते मालदीव ने भारत के साथ मिलकर इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए साझा प्रयासों पर बल दिया. भारत ने हरित ऊर्जा और जलवायु वित्तपोषण के क्षेत्र में मालदीव को सहायता देने की बात कही.
मालदीव के विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव के विकास और स्थिरता में एक सच्चे मित्र और साझेदार के रूप में साथ खड़ा रहेगा.
मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा, “भारत और मालदीव के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं. यह दौरा हमारी दोस्ती और सहयोग को और सशक्त करने में सफल रहा है. भारत ने हमेशा हमें हर संभव सहायता प्रदान की है, और हम इसके लिए आभारी हैं.”
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद का यह दौरा भारत और मालदीव के संबंधों को और मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, और विकास सुनिश्चित करने के लिए यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होगी. इस दौरे के परिणामस्वरूप आपसी विश्वास और सहयोग के नए अध्याय की शुरुआत हुई है.
-भारत एक्सप्रेस
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