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Missile प्रोग्राम से जुड़ी पाकिस्तानी कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद पीएम Shehbaz Sharif ने क्या कहा

Pakistan’s Nuclear and Missile Programme: प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीते मंगलवार (24 दिसंबर) को पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा कि देश की चार कंपनियों के खिलाफ हाल ही में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का ‘कोई औचित्य नहीं’ है.

उनकी यह बयान अमेरिका द्वारा चार पाकिस्तानी फर्मों पर प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें सरकारी स्वामित्व वाली प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा एजेंसी – नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स (NDC) भी शामिल है – इन पर बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान देने का आरोप है. NDC के अलावा तीन अन्य कंपनियां अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड, एफिलिएट्स इंटरनेशनल और रॉकसाइड एंटरप्राइज हैं. तीनों कराची में स्थित हैं, जबकि NDC इस्लामाबाद में है.

शहबाज शरीफ ने क्या कहा


प्रधानमंत्री शहबाज ने संघीय कैबिनेट की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय विकास परिसर और अन्य संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों का कोई औचित्य नहीं है. पाकिस्तान का बिल्कुल भी इरादा नहीं है कि हमारा परमाणु तंत्र आक्रामक हो. यह 100 प्रतिशत पाकिस्तान की रक्षा के लिए है। यह केवल प्रतिरोध है, और कुछ नहीं.’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम खुद की रक्षा के लिए है ‘अगर भगवान न करे कि पाकिस्तान के खिलाफ कोई आक्रमण हो जाए’.

विदेश मंत्रालय का बयान

इससे पहले विदेश कार्यालय ने एनडीसी और तीन वाणिज्यिक फर्मों पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण’ करार दिया था. शहबाज ने कहा कि विदेश कार्यालय ने व्यापक प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि मिसाइल कार्यक्रम पूरे देश का है. उन्होंने कहा, ‘यह उनके (जनता के) दिलों से भी ज्यादा प्यारा है और इसमें कोई समझौता नहीं होगा.’ उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पूरा देश एकजुट है. हाल के वर्षों में मानवाधिकार, आतंकवाद, परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े मुद्दों के कारण पाकिस्तान और अमेरिका के बीच असहज संबंध रहे हैं.

अमेरिका ने क्या कहा था


18 दिसंबर को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान देने वाली चार कंपनियों पर अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा की है. बयान में कहा गया था कि ये प्रतिबंध ‘सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसारकों और उनके वितरण के साधनों’ को लक्षित करते हैं और ‘पाकिस्तान के लंबी दूरी की मिसाइल विकास के खतरे’ के कारण लगाए गए हैं. प्रतिबंधों के तहत प्रतिबंधित कंपनियों से संबंधित किसी भी अमेरिकी संपत्ति को जब्त कर लिया गया है और अमेरिकियों को उनके साथ व्यापार करने से भी रोक दिया गया है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि ये उपाय ‘सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसारकर्ताओं और उनके वितरण के साधनों को लक्षित करते हैं’.

-भारत एक्सप्रेस

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