Israel-Gaza War: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिका का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है. इसके तहत बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल के साथ संघर्ष को समाप्त करने की जिम्मेदारी हमास पर डाल दी गई है. हालांकि कहा जा रहा है कि हमास ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. अमेरिका द्वारा लाये गए प्रस्ताव पर सोमवार को चीन सहित 14 सदस्य देशों ने वोट दिया था, जबकि रूस ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया. इसी के साथ ही ये प्रस्ताव पारित हो गया है.
इसके तहत तीन-चरण में गाजा में शांति प्रस्ताव लागू किया जाएगा, जिसमें कतर और मिस्र की भूमिका भी होगी. अमेरिकी स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थोमा-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा, “आज इस परिषद ने हमास को एक स्पष्ट संदेश दिया है. युद्ध विराम समझौते को स्वीकार करो.”
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लिंडा थोमा-ग्रीनफील्ड ने कहा, “इजरायल पहले ही इस समझौते पर सहमत हो चुका है और अगर हमास भी ऐसा ही करता है तो लड़ाई आज ही रुक सकती है.” उन्होंने कहा, “मिस्र और कतर ने अमेरिका को भरोसा दिया है कि वे हमास के साथ रचनात्मक तरीके से जुड़ने के लिए काम करना जारी रखेंगे और अमेरिका यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि इजरायल भी अपने दायित्वों को पूरा करे, बशर्ते कि हमास इस समझौते को स्वीकार कर ले.”
इजरायली राजनयिक रीट शापिर बेन-नफ्ताली ने परिषद से कहा, “अगर हमास बंधकों को रिहा कर दे और आत्मसमर्पण कर दे तो युद्ध समाप्त हो जाएगा. एक भी गोली नहीं चलेगी.” परिषद का यह प्रस्ताव अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के इजरायल पहुंचने के बीच आया है.
बता दें कि ररिवार को इजरायली वॉर कैबिनेट में शामिल विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज़ ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर बंधकों को वापस लाने और युद्ध को समाप्त करने के बजाय अपने राजनीतिक हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया था. इसी के साथ ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
इससे पहले शनिवार को इजरायली सेना ने गाजा में हमास के कब्जे वाले क्षेत्र से चार बंधकों को नाटकीय ढंग से बचा लेने की बात कही थी. बेन-नफ्ताली ने कहा, “हमास द्वारा बंधकों को रिहा करने से इनकार करने से यह साबित हो गया है कि बंधकों को वापस लाने के प्रयास में सैन्य साधनों को भी शामिल किया जाना चाहिए और यह शनिवार को साबित हो गया कि इसे कैसे हासिल किया जा सकता है.”
परिषद कक्ष के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए फिलिस्तीन के पर्यवेक्षक रियाद मंसूर ने कहा, “हम फिलिस्तीन के लोग देखना चाहते हैं कि यह प्रस्ताव कैसे लागू होगा.” इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि “हमने बड़ी संख्या में लोगों की जान जाते हुए देखा है.” उन्होंने ये भी कहा कि हत्याओं के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए.
हमास द्वारा नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के जवाबी हमलों में अब तक 36,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. थॉमस-ग्रीनफील्ड के अनुसार, सुरक्षा परिषद द्वारा स्वीकृत योजना छह सप्ताह के युद्ध विराम के साथ शुरू होगी, जिसमें इजरायली बंधकों, जिसमें महिलाएं, घायल और बुजुर्ग हैं को छुड़ाया जाएगा और इसके बदले में इजरायली हिरासत से फिलिस्तीनियों को छोड़ा जाएगा. इसके बाद इजरायल को गाजा के आबादी वाले क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना होगा और नागरिकों को अपने घरों में लौटने की अनुमति दी जाएगी.
दूसरे चरण में, “गाजा में मौजूद सभी अन्य बंधकों की रिहाई और गाजा से इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी के बदले में शत्रुता का स्थायी अंत होगा.” अंतिम चरण में “गाजा के लिए एक पुनर्निर्माण योजना की शुरुआत होगी और गाजा में मौजूद इजरायली और अन्य लोगों के अवशेषों को उनके परिवारों को वापस किया जाएगा.”
इजरायल को आश्वस्त करते हुए थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा, “जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने स्पष्ट किया है, हमास अब 7 अक्टूबर की घटना को फिर से दोहराने लायक नहीं है और इजरायल की आत्मरक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता अटल है.” रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने प्रस्ताव पर संदेह व्यक्त किया और कहा कि यह प्लान कितना सफल होता है, देखना बाकी है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मास्को इसे रोकना नहीं चाहता, क्योंकि इसे अरब देशों का समर्थन प्राप्त है.
-भारत एक्सप्रेस
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